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वेबसाइट न बनाने वाले स्कूलों का रिजल्ट रोकेगा बोर्ड

नई दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से एफिलेटिड 14257 स्कूलों में से डेढ़ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बोर्ड की चेतावनी के बावजूद अपनी वेबसाइट नहीं बनाई है। जबकि 10279 स्कूलों ने बोर्ड को अपनी वेबसाइट बनाने के बारे सूचित किया है। बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी का कहना है कि जिन स्कूलों ने अभी तक वेबसाइट नहीं बनाई है, उनका बोर्ड परीक्षा रिजल्ट रोक लिया जाएगा, जरूरत पड़ी तो लापरवाही बरतने वाले स्कूलों के एफिलिएशन भी रद्द किए जाएंगे। फिलहाल बोर्ड ने इन स्कूलों में पढऩे वाले नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों का पंजीकरण ले लिए हैं। लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा होने तक स्कूल अपनी वेबसाइट और वेबसाइट के लिए तय किए गए सभी मापदंड पूरे कर लें, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जोशी बताते हैं कि दिल्ली में 719 स्कूलों  ने वेबसाइट बना ली है और 76 स्कूलों की बननी शेष है।
स्कूलों को वेबसाइट बनाने के निर्देश इसलिए दिए गए हैं, जिससे स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और फीस स्ट्रक्चर के साथ-साथ वहां के स्टाफ को मिलने वाले वेतन और अन्य सुविधाओं की जानकारी अभिभावकों को मिल सके। इसी के आधार पर स्कूलों की भी ग्रेडिंग की जाएगी। स्कूलों को इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर ए और बी श्रेणी में रखा जाएगा। इससे अभिभावकों को दाखिले के लिए स्कूलों के चयन में दिक्कत नहीं होगी।
बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर बाकायदा एक फॉर्मेट अपलोड किया है जसके अनुरूप स्कूलों को समस्त जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करानी है। यह पारदर्शिता का पैमाना निर्धारित करने के लिए जरूरी है। जोशी बताते हैं कि अभी जिन स्कूलों ने अपनी वेबसाइट के बारे में बोर्ड को अवगत कराया है, उनकी वेबसाइट की भी जांच की जा रही है। परीक्षा से पहले तक इन वेबसाइटों की जांच भी हो जाएगी। इसलिए बोर्ड कार्यालय को जो स्कूल अपनी वेबसाइट का लिंक भेज रहे हैं, वह टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों का नाम वेतन, अन्य भत्ते और सुविधा के अलावा छात्रों की फीस और ट्रांसपोर्ट फीस का ब्यौरा भी अपलोड करें।