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लिखित परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठा दिया


बिलासपुर. रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी पाने के लिए 51 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठा दिया। शारीरिक परीक्षा के समय वे खुद मौजूद हो गए। उम्मीदवारों की फोटो और अंगूठे के निशान का जब मिलान किया गया तो यह फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (आरआरसी) ने इन सभी को नोटिस जारी किया था, जिसका किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इनमें से ज्यादातर फर्जी परीक्षार्थी बिहार के हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ग्रुप-डी की भर्ती अंतिम चरण पर है। छह हजार पदों के लिए जून 2012 में लिखित परीक्षा ली गई। शारीरिक परीक्षा के बाद इनके नतीजे भी जारी कर दिए गए। प्रक्रिया के दौरान आरआरसी को 67 उम्मीदवारों पर संदेह हुआ। इनका परिणाम रोककर शेष चयनित उम्मीदवारों की पोस्टिंग की जा रही है। संदेही उम्मीदवारों के दस्तावेज फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को भेजे गए। रिपोर्ट से पता चला कि 51 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास करने के लिए गलत तरीका अपनाया।
 इन्होंने किया फर्जीवाड़ा
संतोष कुमार, संजय कुमार, सोनोने नितिन, संतोष कुमार, सुनील चौधरी, संजय कुमार, सदानंद सिंग, संजय कुमार, शंकर जी. चौधरी, सोनू कुमार, समकांत चंद्रशेखर, रविश कुमार, राजीव कुमार, रचेंद्र कुमार निराला, ज्योतिष कुमार, राजपाल साहू, विजय कुमार, मनोज कुमार, मनीष कुमार, विमलेश कुमार गोंड़, मंटू कुमार, मनोज मंडल, मुकेश कुमार, मनोज कुमार ठाकुर, मुकेश कुमार, विनय कुमार, मुकेश कुमार, विजय यादव, बाल्मीकि चौहान, अरुन कुमार, ब्रिजेश कुमार, अनुज कुमार, अवधेश कुमार, ब्रजेश कुमार पटेल, अजय कुमार, अमित किशोर राय, आशीष रनजान, अमित कुमार, टुनटुन कुमार, दिवाकर कुमार, कैलाश कुमार, दीपक कुमार, नारायण राठौर, उमेश कुमार, गोविंद साय कोली, प्रमोद कुमार, प्रेमचंद, पुरुषोत्तम कुमार, गांधी कुमार जायसवाल, उमेश कुमार व गौरव कुमार।
 आरआरसी ने नहीं लिखाई रिपोर्ट
 पुलिस के झमेले से बचने के लिए आरआरसी गड़बड़ी करने वाले उम्मीदवारों का पता व पहचान छिपा रही है। रेलवे बोर्ड के निर्देश के बावजूद अब तक इनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं लिखाई गई है। इस पूरे मामले में आरआरसी का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बताने से इनकार कर रहा है।
 आगे क्या : ब्लैक लिस्टेड होंगे सारे
रेलवे रिक्रूटमेंट सेल ने ऐसे उम्मीदवारों को पक्ष रखने के लिए 10 मई तक का समय दिया था। किसी भी उम्मीदवार ने जवाब नहीं दिया। अब आरआरसी इन उम्मीदवारों की जानकारी देश के सभी जोन व रेलवे भर्ती बोर्ड को दे रही है, ताकि फर्जीवाड़ा करने वाले रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में फिर कभी शामिल न हो सकें।