हिसार : सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी जुटाने की जद्दोजहद से शिक्षा विभाग के बाबुओं को राहत दी गई है। राज्य सूचना आयुक्त के निर्देश पर निदेशालय ने सरकारी व निजी स्कूलों के प्रिंसिपल अथवा मुख्याध्यापकों को संबंधित स्कूल का जनसूचना अधिकारी नियुक्त किया है। जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना देवी ने बताया है कि पंचकुला स्थित विद्यालय शिक्षा महानिदेशालय के निर्देशानुसार सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रिंसिपल व अध्यापकों को संबंधित स्कूल का जनसूचना अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि महानिदेशक के आदेश को लागू करने के संदर्भ में स्कूलों की बैठकों के दौरान भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी को प्रथम अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यहां यह बता दें कि पूर्व की व्यवस्था में जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत बाबू आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के बोझ तले दबे होते थे। पहले लोग सीधे इन कार्यालयों से सूचना मांग लेते थे। राज्य सूचना आयुक्त की पहल पर विद्यालय शिक्षा निदेशालय के निर्देश से बाबुओं को इसलिए राहत मिलेगी क्योंकि कमतर मानव संसाधन के बीच सैकड़ों स्कूल संबंधी कार्यो के साथ-साथ उन पर प्रतिदिन औसत पांच सूचना का अधिकार की जानकारियां निपटाने का कार्यभार था। बेहतर कदम : रमेश वर्मा सूचना का अधिकार अधिनियम के ध्वजवाहक व दो बार नेशनल अवार्ड प्राप्त रमेश वर्मा ने राज्य सूचना आयोग व विद्यालय शिक्षा निदेशालय की पहल को बेहतर कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि अब कमतर समय में मिल पाएगी जानकारी। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर जवाबदेही तय करने का परिणाम अक्सर सुखद होता है।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2013-03-09&pageno=5
यहां यह बता दें कि पूर्व की व्यवस्था में जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत बाबू आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के बोझ तले दबे होते थे। पहले लोग सीधे इन कार्यालयों से सूचना मांग लेते थे। राज्य सूचना आयुक्त की पहल पर विद्यालय शिक्षा निदेशालय के निर्देश से बाबुओं को इसलिए राहत मिलेगी क्योंकि कमतर मानव संसाधन के बीच सैकड़ों स्कूल संबंधी कार्यो के साथ-साथ उन पर प्रतिदिन औसत पांच सूचना का अधिकार की जानकारियां निपटाने का कार्यभार था। बेहतर कदम : रमेश वर्मा सूचना का अधिकार अधिनियम के ध्वजवाहक व दो बार नेशनल अवार्ड प्राप्त रमेश वर्मा ने राज्य सूचना आयोग व विद्यालय शिक्षा निदेशालय की पहल को बेहतर कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि अब कमतर समय में मिल पाएगी जानकारी। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर जवाबदेही तय करने का परिणाम अक्सर सुखद होता है।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2013-03-09&pageno=5