नई दिल्ली. राजधानी में अब बिना खेल मैदान के स्कूल चलेंगे। खेल मैदान क्या सभी सुरक्षा मानकों पर एक साल की छूट भी इन गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को दे दी गई है। चौंकने की जरूरत नहीं है।दिल्ली सरकार ने उन सभी स्कूलों को मान्यता दे दी है, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं और तय भूखंड सीमा की बजाए छोटे क्षेत्रफल में चल रहे हैं। ऐसे स्कूलों का मास्टर प्लान 2021 के तहत लैंड एरिया 200 मीटर से बढ़ाकर 800 मीटर किया गया था। साथ ही आरटीई (शिक्षा के अधिकार) कानून-2009 के तहत इन स्कूलों को तीन साल में मान्यता प्राप्त करने की छूट दी गई थी। लेकिन तीन वर्ष पूरा होने के साथ तालाबंदी की लटकी तलवार से राहत देते हुए अब सरकार ने इन सभी स्कूलों को एक साल की अस्थायी मान्यता दे दी है।
अब सरकार ने इन स्कूलों को फायर सेफ्टी, भवन सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक साल का समय दिया है। जिनके प्रमाण पत्र पूरे होंगे उन्हें मान्यता प्रदान कर दी जाएगी। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर सरकार ने तीन सालों तक इन स्कूलों को यह प्रमाण पत्र लाने को क्यों नहीं कहा? अगर कहा तो उन स्कूलों को फिर से एक साल तक के लिए छूट क्यों दी? अगर यही रवैया रहा तो एक साल बीतने के बाद भी स्कूल प्रबंधन नन्हे-मुन्नों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे और सरकार इनकी मनमानी पर चुप्पी साधे, चुनावी वर्ष में राहत के नाम पर झुनझुना बजाती रहेगी।