चंडीगढ़ : समय पर अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही, सीबीएसई व अन्य राज्यों से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाले दर्जनों उम्मीदवारों को राहत देते हुए उनको प्रोविजनल तौर पर जेबीटी परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस एक सिकरी व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ के समक्ष अलग-अलग ऐसे कई मामले आए जिसमें मांग की गई कि उन्होंने अध्यापक पात्रता परीक्षा अन्य राज्यों से पास की हुई है। दोनों खंडपीठ ने अलग-अलग मामलों पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा वर्तमान में जेबीटी भर्ती में ऐसे सभी उम्मीदवारों को राहत देते हुए भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की छूट दे दी, जिसने अन्य राज्यों से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई थी।
ऐसे उम्मीदवारों में सीबीएसई, यूपी से परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा थी। याचिकाकर्ता की वकील अलका चतरथ ने प्रदेश सरकार द्वारा समय पर अध्यापक पात्रता परीक्षा न करवाने के कारण ऐसे उम्मीदवारों को भाग लेने की कोर्ट से मांग की थी जिन्होने कही से भी अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई हो। हिसार की सरोज शर्मा व अन्य द्वारा दायर एक अन्य याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने हजारों अध्यापक के पदों के लिए विज्ञापन तो निकाल दिए लेकिन उसने नियमों का पालना नहीं किया। एनसीटीई के अनुसार सरकार को हर साल एक बार अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करना पड़ता है लेकिन हरियाणा में पिछले तीन साल केवल में केवल एक बार यह परीक्षा हुई है जिस कारण हजारों टीचर इस परीक्षा से वंचित रह गए।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-12-08
ऐसे उम्मीदवारों में सीबीएसई, यूपी से परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा थी। याचिकाकर्ता की वकील अलका चतरथ ने प्रदेश सरकार द्वारा समय पर अध्यापक पात्रता परीक्षा न करवाने के कारण ऐसे उम्मीदवारों को भाग लेने की कोर्ट से मांग की थी जिन्होने कही से भी अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई हो। हिसार की सरोज शर्मा व अन्य द्वारा दायर एक अन्य याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने हजारों अध्यापक के पदों के लिए विज्ञापन तो निकाल दिए लेकिन उसने नियमों का पालना नहीं किया। एनसीटीई के अनुसार सरकार को हर साल एक बार अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करना पड़ता है लेकिन हरियाणा में पिछले तीन साल केवल में केवल एक बार यह परीक्षा हुई है जिस कारण हजारों टीचर इस परीक्षा से वंचित रह गए।
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