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47 की उम्र में 12वीं, 65 में पीएचडी की तैयारी


इंदौर। दिल में जोश, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी काम करने में उम्र का बंधन आड़े नहीं आता। कसरावद (खरगोन) के राजेंद्र जैन ने भी यही साबित किया है, जो 65 वर्ष की उम्र में पीएचडी की पढ़ाई करने इंदौर आए हैं। पेशे से किसान जैन को बचपन से पढ़ाई का जुनून था लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वे पढ़ नहीं पाए। हालांकि उन्होंने इस जुनून को कम नहीं होने दिया। 1994 में 12वीं करने के बाद बीए, एलएलबी, एलएलएम, एमफिल की डिग्री ली। अब वे यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ से पीएचडी करने की तैयारी के चलते शनिवार को इंदौर आए।दिन में खेती, रात में पढ़ाई -जैन कहते हैं कि परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने के बावजूद वे दिन में खेती और रात में पढ़ाई करते थे। परिस्थितिवश उन्हें पढ़ाई से दूर होना पड़ा, लेकिन पढ़ाई की इच्छा हमेशा बनी रही। बच्चों को भी बेहतर तालीम देने का लक्ष्य था। इसी का नतीजा है कि उनका एक बेटा इंजीनियर, एक वकील और एक हार्डवेयर इंजीनियर है।वृद्ध को अनदेखा न कर दें- जैन ने 1965 में इंटरमीडिएट (10+1) की परीक्षा दी थी। उसके बाद घरेलू कारणों से पढ़ नहीं पाए। समय बदला और सब कुछ ठीक हुआ तो 1994 में 12वीं पास की। इसी साल बेटे ने भी इसी कक्षा की परीक्षा दी थी। इसके बाद उन्होंने 2003-04 में खरगोन से ग्रेजुएशन, 2007 में एलएलबी और 2009-10 में यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ से एलएलएम व 2011 में एमफिल किया। फिर पीएचडी करने की इच्छा जाग उठी। इस साल पीएचडी परीक्षा की व्यवस्था बदली तो एंटे्रंस परीक्षा दे दी। उन्होंने उसे भी क्लियर कर लिया। अगली प्रक्रिया के तहत शनिवार को इंटरव्यू दिया।