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अब नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी


नागपुर। जैनाचार्य श्रीविजय रत्नसुंदर सूरीश्वरजी एवं राज्य के उच्च शिक्षा व ऊर्जा मंत्री राजेश टोपे की चर्चा ने रविवार को शैक्षणिक जगत को अमूल्य तोहफा दिया। सामाजिक सरोकारों को समर्पित नैतिक शिक्षा को पाठच्यक्रम में शामिल करने की बात श्री टोपे को रास आई और उन्होंने इसे स्कूलों में लागू करने पर सहमति दे दी। नैतिक शिक्षा का पाठच्यक्रम जैनाचार्य श्रीविजय रत्नसुंदर सूरीश्वरजी एवं उनके सहयोगी तैयार करेंगे। इसे स्कूलों में लागू करने के विषय में जो कमेटी बनेगी, उसमें आचार्य श्री एवं सरकार के प्रतिनिधि पाठच्यक्रम को अंतिम रूप प्रदान करेंगे। 
दैनिक भास्कर की ओर से आयोजित ‘परिवार की नींव’ व्याख्यानमाला के पूर्व श्री टोपे ने आचार्य प्रवर से चर्चा की। आचार्य प्रवर ने युवाओं की आत्महत्या पर गहन चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, विद्यार्थियों को स्कूल में ही मजबूत बनाना होगा। उनमें नैतिकता, संस्कार और आध्यात्मिक नींव का निर्माण करना होगा। उन्होंने वर्तमान समय में विद्यार्थियों की दिशाहीनता पर गहन चिंता व्यक्त की। श्री टोपे ने स्वीकार किया कि वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा के अभाव में किशोरों व युवाओं को सही दिशा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने शीघ्र इसका निदान खोजने की बात कही। इसके साथ यह माना जा रहा है कि निकट भविष्य में ऐसी शिक्षा विद्यार्थी पा सकेंगे जो उनके जीवन का आधार बनेगी। जिसमें धार्मिक शिक्षा और मान्यताओं का तो स्थान नहीं रहेगा, किंतु भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और नैतिकता का समावेश रहेगा। http://www.bhaskar.com/article/MH-now-the-moral-education-of-the-students-read-the-text-3927083.html