नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) फिर से विवादों में है। इस वर्ष भी ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट्स फोरम (एआइबीएसएफ) ने महिषासुर शहादत दिवस मनाने की घोषणा की है। इसका आयोजन 29 अक्टूबर को होगा। इसके पोस्टर भी कैंपस में लगाए गए हैं। इसमें महिषासुर को बैकवर्ड समाज का नायक और आर्यो ने मां दुर्गा के माध्यम से उसकी हत्या करना दर्शाया है। संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने कहा, विजय दशमी को राष्ट्रीय शर्म दिन के रूप में घोषित करने के लिए वह आंदोलन चलाएंगे, क्योंकि यह पर्व उनके पूर्वजों की हत्याओं का जश्न है। जितेंद्र ने कहा कि राजा महिषासुर की हत्या के बाद पूर्णिमा की रात में असुरों ने शोक सभा की थी।
इसलिए संगठन शरद पूर्णिमा को शहादत दिवस के रूप में मनाएगा। इस आयोजन में झारखंड और आदिवासी क्षेत्रों से चर्चित लेखकों और बुद्धिजीवियों को भी बुलाया गया है। गत वर्ष जेएनयू में महिषासुर-दुर्गा पोस्टर के कारण एआइबीएसएफ की कुछ छात्रों से मारपीट हो गई थी। इसके बाद जेएनयू प्रशासन ने संगठन के प्रमुख जितेंद्र यादव को धार्मिक भावनाएं आहत करने पर नोटिस जारी किया था।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/
इसलिए संगठन शरद पूर्णिमा को शहादत दिवस के रूप में मनाएगा। इस आयोजन में झारखंड और आदिवासी क्षेत्रों से चर्चित लेखकों और बुद्धिजीवियों को भी बुलाया गया है। गत वर्ष जेएनयू में महिषासुर-दुर्गा पोस्टर के कारण एआइबीएसएफ की कुछ छात्रों से मारपीट हो गई थी। इसके बाद जेएनयू प्रशासन ने संगठन के प्रमुख जितेंद्र यादव को धार्मिक भावनाएं आहत करने पर नोटिस जारी किया था।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/