अजमेर.राज्य सरकार ने बीएड करने के लिए भले ही विधवाओं को 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी हो लेकिन स्नातक स्तर की परीक्षा में उन्हें छूट नहीं दी गई। इस वजह से अजमेर सहित पूरे प्रदेश में करीब 500 विधवा अभ्यर्थी सरकारी नियुक्ति पाने से वंचित रह गईं।पंचायतीराज संस्था द्वारा आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में राज्य सरकार ने भर्ती के लिए जारी विज्ञप्ति में शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता में एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी व नि:शक्तजन को स्नातक स्तर की परीक्षा में 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी लेकिन विधवाओं को 5 प्रतिशत की छूट से वंचित रखा गया है। इस कारण परीक्षा में प्रदेश की कई विधवा अभ्यर्थी अपात्र घोषित हो गई। उनके पद होते हुए भी इन्हें सरकारी नौकरी से वंचित रहना पड़ा।
इनमें से कई केबीए में 45 प्रतिशत नंबर ही थे। यदि उन्हें अंकों में 5 प्रतिशत की छूट मिलती तो उन्हें नौकरी मिल जाती। इससे पहले पीटीईटी में विधवाओं को 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी गई थी। उसी आधार पर इन्हें बीएड में प्रवेश लेकर बीएड परीक्षा पास की थी। हालांकि उन्हें अन्य वर्ग की तरह शैक्षणिक योग्यता में 5 प्रतिशत की छूट नहीं दी गई।
हमारा क्या कसूर?
नौकरी से वंचित रही अभ्यर्थी सुनीता का कहना है कि जब भर्ती में शैक्षणिक योग्यता में एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी व नि:शक्तजन को स्नातक में 5 प्रतिशत की छूट दी तो इस छूट का लाभ विधवाओं को भी देना चाहिए। http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-third-grade-teacher-recruitment-3836173.html
इनमें से कई केबीए में 45 प्रतिशत नंबर ही थे। यदि उन्हें अंकों में 5 प्रतिशत की छूट मिलती तो उन्हें नौकरी मिल जाती। इससे पहले पीटीईटी में विधवाओं को 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी गई थी। उसी आधार पर इन्हें बीएड में प्रवेश लेकर बीएड परीक्षा पास की थी। हालांकि उन्हें अन्य वर्ग की तरह शैक्षणिक योग्यता में 5 प्रतिशत की छूट नहीं दी गई।
हमारा क्या कसूर?
नौकरी से वंचित रही अभ्यर्थी सुनीता का कहना है कि जब भर्ती में शैक्षणिक योग्यता में एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी व नि:शक्तजन को स्नातक में 5 प्रतिशत की छूट दी तो इस छूट का लाभ विधवाओं को भी देना चाहिए। http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-third-grade-teacher-recruitment-3836173.html