बिलासपुर. राज्य के डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षाकर्मियों के वेतन निर्धारण की जांच होगी। ऐसा शिक्षाकर्मियों के वेतन निर्धारण में हुई भारी गड़बड़ी के कारण किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा सचिव केआर पिस्दा ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को पत्र भेजकर एरियर्स के भुगतान पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।राज्य शासन ने शिक्षाकर्मियों का वेतन निर्धारण वर्ष 2003, 2007 व 2010 में किया है। रायपुर संभाग के महासमुंद और आरंग में यह बात सामने आई है कि शिक्षाकर्मियों के वेतन का निर्धारण मापदंड के विपरीत किया गया है। जिस शिक्षाकर्मी का वेतन 10 हजार होना चाहिए, उसे 15 हजार रुपए दिया जा रहा है। इस कारण शासन ने वेतन निर्धारण की जांच कराने का फैसला लिया है।
स्कूल शिक्षा सचिव केआर पिस्दा ने बताया कि वेतन निर्धारण की जांच के लिए बिंदुवार कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्राथमिक तौर पर सभी जिले के कलेक्टर और सीईओ को एरियर्स भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, गड़बड़ी के चलते शिक्षाकर्मियों को देय राशि से कहीं ज्यादा राशि दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित वेतन से ज्यादा राशि लेना आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में है। इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर किसकी गलती से इस तरह की गड़बड़ियां हुई हैं।http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-will-examine-the-fixation-of-more-than-a-half-million-shikshakarmis-3836342.html