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ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्गों को दे दिए 80% पद


जयपुर.तृतीय श्रेणी शिक्षकों के करीब 40,000 पदों पर हाल ही हुई भर्ती में लगभग 80% पदों पर आरक्षित वर्ग के लोग चयनित हुए हैं। ये स्थिति 7 जिलों की चयन सूचियों के आधार पर निकल कर आई है। अगर इन जिलों को ही आधार मानें तो पूरे प्रदेश में सामान्य वर्ग के औसतन 20% शिक्षक ही चयनित हुए हैं।
वजह यह है कि इन भर्तियों में रोस्टर रजिस्टर का ध्यान ही नहीं रखा गया। इनमें आरक्षित वर्ग के कुछ शिक्षक नियमानुसार मैरिट के आधार पर भी सामान्य वर्ग में आए हैं। सरकारी नौकरियों में एससी का 16, एसटी का 12, ओबीसी का 21 और एसबीसी का 1 प्रतिशत आरक्षण है। रोस्टर रजिस्टर का पालन होता तो सामान्य वर्ग के युवक ज्यादा आते। बाड़मेर, नागौर, चित्तौड़गढ़, जोधपुर, पाली, बूंदी और राजसमंद में 8065 शिक्षकों का चयन हुआ। इनमें सामान्य वर्ग के 1467 ही चुने गए, जबकि 4032 अभ्यर्थी होने चाहिए थे।

दोषी अफसरों पर हो दंडात्मक कार्रवाई : राजपाल मीणा
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजपाल मीणा का कहना है कि यह सही है कि किसी भी विभाग में रोस्टर रजिस्टर का संधारण नहीं हो रहा है। इसकी वजह से आरक्षित वर्ग को उचित लाभ नहीं मिल रहा है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय और कार्मिक विभाग के आदेशों की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।
ये हमारा काम नहीं : अपर्णा अरोरा
पंचायती राज की आयुक्त अपर्णा अरोड़ा का कहना है कि रोस्टर रजिस्टर का ध्यान रखना हमारा काम नहीं है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षा विभाग प्रशासनिक विभाग है। वहीं से हमारे पास वेकेंसी आईं। हमने विज्ञापित की और उन पर नियुक्तियां कर दीं। इन भर्तियों में रोस्टर, आरक्षण आदि चीजें देखने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की थी।http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JAI-third-grade-teacher-recruitment-3846704.html