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निजी संस्थान भी होंगे आरटीपी के दायरे में

हिसार : भले ही शिक्षा का अधिकार (आरटीआई) कानून से निजी शिक्षण संस्थान दूर भाग रहे हों, लेकिन हरियाणा खेल का अधिकार (एचआरटीपी) कानून के दायरे में भी इनको लाया जाएगा। ऐसे में शिक्षण समय के बाद इन संस्थानों के खेल मैदानों को आसपास के समुदाय के नागरिक प्रयोग कर सकेंगे। प्रदेश में इसी वर्ष प्रस्तावित हरियाणा राइट टू प्ले एक्ट (खेलने का अधिकार अधिनियम) के लागू होने के बाद प्रदेश के सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों, खेल सेवा प्रदाता संस्थानों, क्लबों आदि को अधिनियम की धारा 11 में निर्धारित निर्देशों के अनुसार खेल विभाग में पंजीकरण करवाना होगा। यही नहीं, इस एक्ट की धारा 5(3) के तहत पंजीकरण करवाने के बाद संबंधित संस्थान को उसकी खेल सुविधाओं के अनुसार मिलने वाले ग्रेड व सुविधाओं आदि के बारे में अपने नोटिस बोर्ड, वेबसाइट व परिचायिका (प्रोस्पेक्ट्स) के माध्यम से लोगों को जानकारी देनी होगी। इस अधिनियम के तहत शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व होगा कि वे अपने सभी विद्यार्थियों को खेल सुविधा, खेल की प्राथमिक शिक्षा, खेल संबंधित जानकारी और स्थानीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाएगा।
स्कूल प्रशासन को अपने विद्यार्थियों के अलावा उस संस्थान के आसपास रहने वाले समुदाय के लोगों को स्कूल समय के बाद खेल मैदान व सुविधाओं को प्रयोग करने की इजाजत देनी होगी। इस अधिनियम के तहत अधिक से अधिक संस्थानों का पंजीकरण हो, इसके लिए यह भी प्रावधान किया गया है कि अन्य कानून के बावजूद किसी भी शिक्षण संस्थान या खेल सेवा प्रदाता संस्थान तब तक खेल लोकपाल के समक्ष याचिका दायर नहीं कर सकता जब कि उसका इस अधिनियम के तहत पंजीकरण नहीं होगा।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-08-21&pageno=18