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स्कूलों की मनमानी पर अब लगेगी रोक

नई दिल्ली : दाखिले के लिए मोटी फीस, डोनेशन, कैपिटेशन, शैक्षिक सत्र के बीच में ही फीस बढ़ा देना या फिर अपनी कोई शर्त मनमाने के लिए छात्रों-अभिभावकों को मजबूर करना। आने वाले समय में निजी स्कूलों के लिए यह सब आसान नहीं होगा। स्कूलों में हर तरह के गलत क्रियाकलापों को रोकने के लिए केंद्र सरकार कानून बनाने की तैयारी में है। कानून तोड़ने वालों को जुर्माना और सजा भुगतनी होगी। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी पुरंदेश्वरी की अगुवाई वाली केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद (केब) की उप समिति ने कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित कर दी है। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) के कुलपति प्रो आर गोविंदा की अध्यक्षता में बनी इस मसौदा समिति की दो बैठकें भी हो चुकी हैं।
अगली बैठक महीने भर के भीतर होनी है। उम्मीद है कि उसमें स्कूलों की सारी मनमानियों को रोकने वाले विधेयक का मसौदा तय हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस कानून के बनाने के पीछे सरकार का मकसद स्कूलों में न सिर्फ छात्रों, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों तक का शोषण रोकना है। कानून बना तो कोई भी स्कूल ज्यादा फीस नहीं वसूल सकेगा। किसी एक निश्चित दुकान से किताब-कापी और यूनीफार्म खरीदने की शर्त नहीं लगा सकेगा। दाखिले से इन्कार नहीं कर सकेगा। अपने स्कूल, शिक्षकों की योग्यता या फिर पाठ्यक्रम के बारे में गलत जानकारी नहीं दे सकेगा।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-08-03&pageno=11