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विधवा बहू ने की दुबारा शादी , आधी तनख्वाह ससुराल में देनी पड़ेगी

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ में अनुकंपा पर नौकरी लगने के बाद दूसरी शादी कर लेने वाली महिला को पहले परिवार के भरण पोषण के लिए आधा वेतन देने के आदेश दिए हैं। यह आदेश न्यायाधीश गोविंद माथुर ने प्रार्थिया भंवर कंवर की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए दिए। 
अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वीआर चौधरी ने कहा कि प्रार्थिया का पुत्र भगवतसिंह सीआरपीएफ में सिपाही पद पर कार्यरत था, जिसकी मृत्यु नौकरी पर रहते हुए 25 अक्टूबर 1995 को हो गई। उसकी जगह अनुकंपा पर भगवतसिंह की विधवा तेजकंवर को नौकरी दी गई। लेकिन तेजकंवर ने नौकरी लगने के बाद पुनर्विवाह कर लिया। इससे प्रार्थिया का भरण पोषण बंद हो गया। हालांकि पुनर्विवाह के आद तेजकंवर को मिलने वाली फैमिली पेंशन बंद कर दी गई, लेकिन इससे मृतक भगवतसिंह की आश्रित माता का पोषण संभव नहीं है।
इस पर अदालत ने अनुकंपा स्कीम के क्लॉज 13 के आधार पर तेजकंवर के कुल वेतन में से 50 प्रतिशत वेतन काट कर मृतक की आश्रित प्रार्थिया को अगस्त 2012 से प्रत्येक माह की 10 तारीख तक नियमित रूप से भुगतान करने व इसके अलावा एक मुश्त 50 हजार रुपए का भुगतान देने के भी आदेश दिए।http://www.bhaskar.com/article/c-20-48851-3520501.html