नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2010 के सभी (सफल और असफल) उम्मीदवारों के प्राप्तांक सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह फैसला एकल पीठ के निर्णय को चुनौती देने वाली आयोग की याचिका को खारिज करते हुए सुनाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस राजीव सहाय की पीठ ने आयोग को आठ हफ्तों के भीतर आदेश पर अमल करने को कहा है। अदालत ने कहा, परीक्षार्थी को यह हक है कि वह परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर संतुष्ट हो। चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मूल अंक, कट ऑफ मार्क्स और स्केलिंग पद्धति की जानकारी देना जरूरी है। नतीजों के बाद गोपनीयता बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यूपीएससी यह बताने में नाकाम रहा है कि कैसे स्केलिंग/अंक निर्धारण की प्रक्रिया के सार्वजनिक होने से परीक्षा का प्रतिस्पर्धी माहौल प्रभावित होता है। खंडपीठ ने आयोग के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि इसे सूचना के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। आरटीआइ आवेदन को ठुकराए जाने के खिलाफ सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के एक समूह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/#id=111745407032476116_49_2012-07-16