बिलासपुर. सहायक प्राध्यापक पदों पर चयन सूची जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने पीएससी को 26 विषयों पर नतीजे जारी करने की अनुमति दे दी है। 134 याचिकाओं पर लगी रोक बरकरार रहेगी। इन पदों के लिए पद सुरक्षित रखने का पीएससी ने भरोसा दिलाया है।छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने 20 मई 2009 को सहायक प्राध्यापक के 878 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। कुल 32 विषयों में भर्ती के लिए 29 व 30 नवंबर 2009 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के बाद पीएससी ने उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची जारी की। इसमें कुछ अभ्यर्थियों के नतीजे को इस आधार पर रोक दिया गया था कि उन्होंने दूरवर्ती शिक्षा से एम फिल की डिग्री प्राप्त की है, इसे छत्तीसगढ़ में मान्यता नहीं है।
बाद में पीएससी ने उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की दूसरी सूची जारी की। इसमें पूर्व में उत्तीर्ण कुछ अभ्यर्थियों का नाम शामिल नहीं था। इसके खिलाफ सीमा त्रिपाठी, माधुरी मिश्रा व अन्य, समीर मिश्रा, अभिमन्यु सिंह व अन्य, पूर्णिमा सिंह गौतम सहित अन्य ने अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे, मतीन सिद्दिकी, मनोज परांजपे, प्रतीक शर्मा, अनुराग दयाल श्रीवास्तव सहित अन्य अधिवक्ताओं के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगाते हुए पीएससी, उच्च शिक्षा विभाग, यूजीसी सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 19 मार्च 2012 को ऐसे विषयों जिनमें याचिकाएं नहीं लगाई गई थी, उसके नतीजे जारी करने की छूट पीएससी को मिल गई थी। इसके बाद 6 विषयों के नतीजे 14 जून को जारी कर दिए गए थे।
बुधवार को मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की सिंगल बेंच में हुई। इस दौरान पीएससी की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष अंडरटेकिंग दी गई कि हाईकोर्ट में लगी 134 याचिकाओं के अभ्यर्थियों के हित में पद सुरक्षित रखे जाएंगे। पीएससी ने शेष विषयों के आगे की कार्रवाई करने व नतीजे जारी करने की अनुमति मांगी। हाईकोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए नतीजे जारी करने की अनुमति दे दी है। मामले में राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर और पीएससी की ओर से अधिवक्ता योगेश चंद्र शर्मा और बीडी गुरु ने पक्ष रखा।http://www.bhaskar.com/article/CHH-OTH-psc-717-positions-3483705.html
बाद में पीएससी ने उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की दूसरी सूची जारी की। इसमें पूर्व में उत्तीर्ण कुछ अभ्यर्थियों का नाम शामिल नहीं था। इसके खिलाफ सीमा त्रिपाठी, माधुरी मिश्रा व अन्य, समीर मिश्रा, अभिमन्यु सिंह व अन्य, पूर्णिमा सिंह गौतम सहित अन्य ने अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे, मतीन सिद्दिकी, मनोज परांजपे, प्रतीक शर्मा, अनुराग दयाल श्रीवास्तव सहित अन्य अधिवक्ताओं के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगाते हुए पीएससी, उच्च शिक्षा विभाग, यूजीसी सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 19 मार्च 2012 को ऐसे विषयों जिनमें याचिकाएं नहीं लगाई गई थी, उसके नतीजे जारी करने की छूट पीएससी को मिल गई थी। इसके बाद 6 विषयों के नतीजे 14 जून को जारी कर दिए गए थे।
बुधवार को मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की सिंगल बेंच में हुई। इस दौरान पीएससी की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष अंडरटेकिंग दी गई कि हाईकोर्ट में लगी 134 याचिकाओं के अभ्यर्थियों के हित में पद सुरक्षित रखे जाएंगे। पीएससी ने शेष विषयों के आगे की कार्रवाई करने व नतीजे जारी करने की अनुमति मांगी। हाईकोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए नतीजे जारी करने की अनुमति दे दी है। मामले में राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर और पीएससी की ओर से अधिवक्ता योगेश चंद्र शर्मा और बीडी गुरु ने पक्ष रखा।http://www.bhaskar.com/article/CHH-OTH-psc-717-positions-3483705.html