जालंधर. गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने दूसरे राज्यों से आए विद्यार्थियों के लिए एलिमेंट्री पंजाबी अनिवार्य कर दी है। यह फैसले विद्यार्थियों के भविष्य पर सवाल खड़ा करने वाला बन गया है। यूनिवर्सिटी ने पंजाबी के एवज में एकमात्र ऑप्शन पंजाब हिस्ट्री एंड कल्चर विषय को भी बंद कर दिया है। जिन विद्यार्थियों ने आज तक पंजाबी पढ़ी नहीं, वे एकदम से पंजाबी कैसे सीख जाएंगे? सरकार ने पंजाब में सभी छात्रों के लिए दसवीं में पंजाबी अनिवार्य कर रखी है, मगर हायर क्लासों में दूसरे राज्यों से आए विद्यार्थी पंजाबी की जगह पंजाब हिस्ट्री एंड कल्चर पढ़ सकते हैं। इस आधार पर भी उन्हें यहां सरकारी नौकरी मिल जाती है। अब यूनिवर्सिटी ने यह ऑप्शन खत्म कर दी। बाहरी राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों को भी हर हाल में पंजाबी पढ़नी होगी।वरना पंजाब में नौकरी असंभव होगी। इस फैसले का अध्यापक भी विरोध कर रहे हैं। अध्यापकों ने यूनिवर्सिटी के फैसले को हाईकोर्ट में चेतावनी दे डाली है, जिस पर 25 जून को सुनवाई होनी है।
सैनिकों के बच्चे परेशान
जीएनडीयू के इस फैसले से सैनिकों के बच्चे भी मुश्किल में हैं। दूसरे राज्यों से ट्रांसफर होकर आए सैनिकों के बच्चे अगर यहां ग्रेजुएशन करते हैं तो फिर पंजाब में नौकरी की उनकी चाहत पूरी नहीं होगी। सीबीएसई से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी दिक्कत आएगी, क्योंकि कई सीबीएसई स्कूलों में विद्यार्थियों ने पंजाबी भाषा का चुनाव नहीं किया है। आगे ग्रेजुएशन के स्तर पर पढ़ाई मुश्किल हो रहा है।http://www.bhaskar.com/article/PUN-JAL-punjabi-is-not-will-not-graduate-3444441.html
सैनिकों के बच्चे परेशान
जीएनडीयू के इस फैसले से सैनिकों के बच्चे भी मुश्किल में हैं। दूसरे राज्यों से ट्रांसफर होकर आए सैनिकों के बच्चे अगर यहां ग्रेजुएशन करते हैं तो फिर पंजाब में नौकरी की उनकी चाहत पूरी नहीं होगी। सीबीएसई से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी दिक्कत आएगी, क्योंकि कई सीबीएसई स्कूलों में विद्यार्थियों ने पंजाबी भाषा का चुनाव नहीं किया है। आगे ग्रेजुएशन के स्तर पर पढ़ाई मुश्किल हो रहा है।http://www.bhaskar.com/article/PUN-JAL-punjabi-is-not-will-not-graduate-3444441.html