चंडीगढ़ : बच्चों में बढ़ते एनीमिया खतरे को नियंत्रित करने की राज्य सरकार ने योजना बनाई है। इसके तहत जुलाई माह से स्कूलों में एनीमिया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा छठी से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों को साप्ताहित आयरन फोलिक एसिड (आइएफए) की गोलियां, जिसमें 10 मिलीग्राम आयरन के साथ 500 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड होगा, दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत सोमवार को एंटी एनीमिया डे के रूप में मनाया जाएगा। विद्यार्थी स्कूल परिसर में दोपहर को लंच के बाद कक्षा अध्यापक की उपस्थिति में आइएफए की गोलियां लेंगे। इसी तरह स्कूल न जाने वाली किशोर लड़कियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रति सप्ताह आइएफए गोलियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए यह योजना छह जिलों अंबाला, रोहतक, यमुनानगर, रेवाड़ी, कैथल और हिसार में क्रियान्वित की जाएगी।
बाद में इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि लड़कियों और महिलाओं को व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में जानकारी देने के लिए महावारी स्वच्छता योजना भी लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं में सैनिटरी नैपकिन के लगातार उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्हें यौन संचारित संक्रमणों, प्रजनन मार्ग संक्रमणों और मूत्र मार्ग संक्रमणों से संबंधित मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। राव नरेन्द्र सिंह ने बताया कि योजना का उद्देश्य सेनिटरी नैपकिन का उत्पादन एवं विपणन द्वारा महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना भी है ताकि उनकी गरीबी खत्म हो। इससे अन्य विभागों के साथ अंतर-क्षेत्रीय समन्वयन को बढ़ावा मिलेगा, परियोजना के लिए अनुकूल वातावरण का सृजन होगा और साक्षर महिला समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के लिए व्यवहार परिवर्तन की परामर्श सेवाएं उपलब्ध होंगी।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-06-28&pageno=5
बाद में इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि लड़कियों और महिलाओं को व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में जानकारी देने के लिए महावारी स्वच्छता योजना भी लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं में सैनिटरी नैपकिन के लगातार उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्हें यौन संचारित संक्रमणों, प्रजनन मार्ग संक्रमणों और मूत्र मार्ग संक्रमणों से संबंधित मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। राव नरेन्द्र सिंह ने बताया कि योजना का उद्देश्य सेनिटरी नैपकिन का उत्पादन एवं विपणन द्वारा महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना भी है ताकि उनकी गरीबी खत्म हो। इससे अन्य विभागों के साथ अंतर-क्षेत्रीय समन्वयन को बढ़ावा मिलेगा, परियोजना के लिए अनुकूल वातावरण का सृजन होगा और साक्षर महिला समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के लिए व्यवहार परिवर्तन की परामर्श सेवाएं उपलब्ध होंगी।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-06-28&pageno=5