सोनीपत. बतौर सीनियर अपने जूनियर का किसी भी प्रकार से भद्दा मजाक करना, उसे मानसिक रूप से परेशान करना सीनियर के भविष्य को सीधे-सीधे खत्म कर सकता है। यही नहीं उसकी इस गलती से जहां उसका शैक्षणिक भविष्य अंधेरे में होगा तो वहीं दूसरी ओर उनके अभिभावक के सामने भी स्थिति शर्मसार कर देने वाली आ सकती है। क्योंकि दाखिले से पहले विद्यार्थी द्वारा भरे जाने वाले शपथ पत्र में अभिभावक भी अपने हस्ताक्षर से यह आश्वस्त करेंगे कि उनका बच्चा रैगिंग नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रैगिंग को लेकर बरती जा रही सख्ती के मद्देनजर विवि से लेकर कालेजों में इस बाबत अवगत करवा दिया गया है। उसी के हिसाब से विद्यार्थियों के दाखिले किए जाएंगे। वहीं विश्व विद्यालय ने कालेजों से कहा कि वे एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों के नंबर कैंपस में लिखवाएं ताकि कोई भी विद्यार्थी फोन पर शिकायत कर सके।
रैगिंग के दोषी के खिलाफ यह हो सकती है कार्रवाई
> विश्वविद्यालय/कालेज द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति या विशेष सुविधाएं समाप्त
> विश्वविद्यालय/ कालेज द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोक
> परीक्षा परिणामों को रोका जाना
> क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं विश्वविद्यालय कालेज का प्रतिनिधित्व करने पर रोक।
> हॉस्टल से निकाला जाना
> विश्वविद्यालय/कालेज में प्रवेश को रद्द और एक से तीन साल के लिए निष्कासित
> एक निश्चित समय के लिए किसी भी अन्य विश्वविद्यालय/कालेज में दाखिले पर रोक
> 25 हजार रुपए का आर्थिक दंड
देनी होगी गारंटी
दीनबंधु सर छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलसचिव डा. आरके अरोड़ा बताते हैं रैगिंग अब माफी योग्य गलती नहीं है। बच्चों को दाखिले के लिए दिए जाने वाले प्रोस्पेक्टस में भी इस बाबत एक फार्म होगा, जोकि अभिभावक को भरना होगा। जिसमें यह एक प्रकार से गारंटी होगी कि बच्चा रैगिंग जैसी गतिविधि में शामिल नहीं रहेगा। वे बच्चों को रैगिंग से दूर रहने की शिक्षा देंगे।http://www.bhaskar.com/article/HAR-OTH-ragging-has-been-destroyed-3455681.html
रैगिंग के दोषी के खिलाफ यह हो सकती है कार्रवाई
> विश्वविद्यालय/कालेज द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति या विशेष सुविधाएं समाप्त
> विश्वविद्यालय/ कालेज द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोक
> परीक्षा परिणामों को रोका जाना
> क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं विश्वविद्यालय कालेज का प्रतिनिधित्व करने पर रोक।
> हॉस्टल से निकाला जाना
> विश्वविद्यालय/कालेज में प्रवेश को रद्द और एक से तीन साल के लिए निष्कासित
> एक निश्चित समय के लिए किसी भी अन्य विश्वविद्यालय/कालेज में दाखिले पर रोक
> 25 हजार रुपए का आर्थिक दंड
देनी होगी गारंटी
दीनबंधु सर छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलसचिव डा. आरके अरोड़ा बताते हैं रैगिंग अब माफी योग्य गलती नहीं है। बच्चों को दाखिले के लिए दिए जाने वाले प्रोस्पेक्टस में भी इस बाबत एक फार्म होगा, जोकि अभिभावक को भरना होगा। जिसमें यह एक प्रकार से गारंटी होगी कि बच्चा रैगिंग जैसी गतिविधि में शामिल नहीं रहेगा। वे बच्चों को रैगिंग से दूर रहने की शिक्षा देंगे।http://www.bhaskar.com/article/HAR-OTH-ragging-has-been-destroyed-3455681.html