ईमेल के माध्यम से सदस्यता लें

अपना ईमेल पता दर्ज करें:

दुर्गम क्षेत्रों में भर्ती होंगे 5000 शिक्षक

शिमला. सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट न आए इसके लिए सरकार ने पीरियड के आधार पर शिक्षकों के खाली पद भरने का निर्णय लिया। स्कूल प्रबंध समितियों के माध्यम से जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों के स्कूलों में करीब 5000 शिक्षित बेरोजगारों की भर्ती की जाएगी। इन्हें प्रति पीरियड पढ़ाने के लिए 150 रुपए और अधिकतम 6 हजार रुपए मिलेंगे। शास्त्री और भाषा शिक्षकों को हर माह 4500 रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में सरकार ने स्कूलों के लिए नीति तय करने का एलान किया। राज्य के जनजातीय जिले किन्नौर, लाहौल- स्पीति और चंबा के भरमौर क्षेत्र के साथ घोषित पिछड़े क्षेत्रों को शामिल किया है।
सरकार से अधिसूचित पिछड़े क्षेत्रों में 472 पंचायतें आती हैं। जनजातीय जिलों के अलावा पिछड़े क्षेत्रों में पीरियड पर जिन स्कूलों में पद खाली होंगे स्कूल प्रबंधन समितियां यह योजना प्रदेश के जनजातीय किन्नौर, लाहौल-स्पीति व जिला चंबा के भरमौर क्षेत्र शामिल होंगे।
प्लस वन व टू के लिए पीरियड रेट अधिक
मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति के तहत 11वीं व 12वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट्स को प्रति पीरियड 150 रुपए मिलेंगे। 9वीं व 10वीं कक्षा को पढ़ाने वाले अध्यापकों को प्रति पीरियड 100 रुपए और प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों को प्रति पीरियड 100 रुपए प्राप्त होंगे। एक महीने में अधिकतम 6 हजार रुपए दिए जाएंगे। शास्त्री और भाषा अध्यापकों को प्रति पीरियड 75 रुपए मिलेंगे। इस तरह से उन्हें एक महीने में अधिकतम 4500 रुपए दिए जाएंगे। जेबीटी को प्रति पीरियड 75 रुपए और मासिक 3500 रुपए मिलेंगे। इस निर्णय से ग्रामीण शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-inaccessible-areas-will-recruit-3454280.html