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सरकारी स्कूलों की बना रखी है खराब छवि

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को अपने जवाब में बताया है कि दिल्ली में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए राजधानी में 961 सरकारी स्कूल खोल रखे हैं, लेकिन आम जनता इन स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने की बजाय महंगी फीस लेने वाले पब्लिक स्कूलों में भेजना चाहती है। इस पर दिल्ली सरकार क्या कर सकती है। यह मजमून उस जवाब का हिस्सा है जो दिल्ली सरकार ने लिखित रूप से दिल्ली हाई कोर्ट को दिया है। दरअसल सरकारी स्कूलों की स्थिति और प्रतिभा स्कूलों में दाखिले के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को लिखित जवाब हाई कोर्ट में देना था। इसमें सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों के न जाने पर सीधे तौर पर माता-पिता को ही जिम्मेदार ठहराया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी व न्यायमूर्ति राजीव सहाय की खंडपीठ के समक्ष दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि दिल्ली में 961 सरकारी स्कूल चल रहे हैं।
लेकिन आम जनता ने अपने दिमाग में इन स्कूलों की खराब छवि बना रखी है। इस कारण वह अपने बच्चों को महंगी फीस वाले प्राइवेट स्कूलों में भेजना चाहते हैं। सरकारी स्कूलों को तो गरीब समाज के बच्चों के लिए छोड़ दिया गया है।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=49&edition=2012-05-02&pageno=2