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नाम बेचकर स्कूलों की हालत सुधारेगी सरकार

चंडीगढ़. जल्द ही आप भी अपने आस-पास के सरकारी स्कूल का नाम अपने माता-पिता, परिजनों-रिश्तेदारों या फिर खुद के नाम पर करवा सकेंगे। इसके लिए आपको तयशुदा धनराशि खर्च करनी पड़ेगी। पंजाब सरकार जल्द ही एक नीति बनाने जा रही है। हालांकि योजना शुरुआती चरण में है। इससे जुड़कर कोई भी यादों में बसने वाले अपने किसी खास के लिए एक यादगार छोड़ सकेगा।यही नहीं जो फंड आएगा वह उसी स्कूल के बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा। इससे अगली पीढ़ी के भविष्य निर्माण में भी आपका सुनिश्चित होगा। हाल ही में अमेरिका-कनाडा दौरे पर गए राज्य के शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने जब वहां बसे पंजाब के लोगों को गांव के स्कूलों का नाम अपने अभिभावकों के नाम पर करने का प्रस्ताव दिया तो इसका बड़ा अच्छा रिस्पांस आया। 
अपने माटी से दूर लेकिन अपनी जड़ों के बेहद करीब लोग बहुत खुश हुए। कई लोगों ने मौके पर ही अपनी सहमति दे दी। मंत्री के स्वदेश लौटने के बाद से अब तक तीन सौ से ज्यादा लोगों के फोन आ चुके हैं।
वे लोग अपने गांव के स्कूलों का नाम अपने मां-बाप के नाम पर रखना चाहते हैं। एनआरआई क्या प्रक्रिया है, कितनी राशि, कहां जमा करवानी होगी, इन सब की जानकारी ले रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग जल्द ही इसकी नीति तैयार करेगा।
सभी का फायदा-
शिक्षा विभाग यदि ऐसी कोई पुख्‍ता नीति बनाने में कामयाब होता है तो यह लोगों व सरकार दोनों के लिए लाभदायक होगी। इस योजना में आने वाले फंड से खस्ताहाल सरकारी स्कूलों में जहां बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। लोग मां-बाप का नाम सरकारी पन्नों में दर्ज करा सकेंगे। ईमानदारी से योजना लागू करके सरकार व लोग आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य दे सकते हैं।http://www.bhaskar.com/article/PUN-LUD-state-government-paid-3247335.html