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सरप्लस टीचर को हटा नहीं सकते

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि अगर किसी भी सहायता प्राप्त स्कूल में टीचरों की संख्या सरप्लस है तो स्कूल प्रबंधन कमेटी उन टीचरों की सेवा समाप्त नहीं कर सकती। हां, शिक्षा विभाग के निदेशक ऐसे टीचर को किसी भी सहायता प्राप्त स्कूल में ट्रांसफर कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने यह फैसला मुकुंद लाल नेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल यमुनानगर के तीन टीचरों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। स्कूल की प्रबंधन कमेटी ने सरप्लस, काम न करने, स्कूल का माहौल खराब करने के आरोप में अपने तीन टीचरों को नौकरी से निकाल दिया था। इन टीचर ने कमेटी के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षा अधिनियम, 2003 के आधार पर स्कूल द्वारा की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि अगर किसी सहायता प्राप्त स्कूल में टीचर सरप्लस है तो स्कूल अपने स्तर पर उसको नौकरी नहीं निकाल सकता वरन शिक्षा विभाग के आयुक्त या निदेशक उसको किसी अन्य सहायता प्राप्त स्कूल में समायोजित कर सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अगर कोई टीचर सही आचरण या स्कूल का माहौल खराब करता है तो स्कूल उसको भी नौकरी से नहीं निकाल सकता। इसके लिए भी नियम के तहत जांच करवाकर निदेशक या स्कूल कमीश्नर से इजाजत लेनी होगी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूल पर इन टीचरों को तंग करने के आरोप में दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-05-19&pageno=4