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विकलांग छात्रों को मिली राहत, मेडिकल बोर्ड जांच खत्म

नई दिल्ली. दिल्ली विश्वविद्यालय में विकलांग श्रेणी की तीन प्रतिशत सीटों के दाखिलों में मेडिकल बोर्ड की जांच को खत्म कर दिया गया है। सत्र 2012-13 के लिए अब विकलांग कोटे के छात्रों को सीधे प्रवेश प्रक्रिया के तहत दाखिले दिए जाएंगे और इसमें भी पांच प्रतिशत तक की राहत दी जाएगी। विश्वविद्यालय की ओर से लागू नई गाइडलाइंस के तहत यह भी साफ कर दिया गया है कि विशेष परिस्थितियों में निर्धारित तीन प्रतिशत कोटे को चार प्रतिशत तक भी ले जाया जा सकता है। बता दें कि दैनिक भास्कर ने बीती 24 अप्रैल को ही मेडिकल बोर्ड की जांच प्रक्रिया को खत्म किए जाने संबंधी खबर प्रकाशित की थी। अब इस खबर पर आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन की भी मोहर लग गई है, यानि इस बार मेडिकल बोर्ड की जांच के तहत विकलांग कोटे के छात्रों को एक से 10 प्वाइंट की श्रेणी में नहीं बांटा जाएगा। जो भी छात्र 40 फीसदी या उससे अधिक की विकलांगता का शिकार है उसे कोटे के तहत उपलब्ध सीटों का लाभ मिलेगा। 
डिप्टी रजिस्ट्रार एकेडमिक रामदत्त की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के तहत यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब छात्रों की ओर से पेश किए जाने वाले जिले, सरकारी अस्पताल के सीएमओ के दस्तावेज ही पर्याप्त होंगे। हां, इतना जरूर है कि इनके आधार पर होने वाले सभी दाखिले प्रोविजनल होंगे और इनकी जांच कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर कराई जाएगी। नई गाइडलाइंस के तहत प्रवेश परीक्षा वाले पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छात्र कॉलेज/ विभाग या फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण कार्यालय में पंजीकरण करा सकते हैं। जहां भी पंजीकरण होगा उस कार्यालय/ विभाग व कॉलेज की जिम्मेदारी होगी कि वह उसकी सूचना संबंधित दाखिला प्रक्रिया जुड़े अधिकारियों को दे। सीधे दाखिला प्रक्रिया के तहत होने वाले पंजीकरण बीते सालों की तरह इस बार भी डीन छात्र कल्याण कार्यालय ही करेगा।http://www.bhaskar.com/article/DEL-relief-disabled-students-the-medical-board-over-inquiry-3210903.html