नई दिल्ली. हरियाणा के यमुनानगर की प्रोफेसर कॉलोनी में शुक्रवार का दिन खास था। यूपीएससी 2011 के नतीजों में देशभर में टॉप कर हरियाणा की लाडली शेना अग्रवाल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लड़कियां किसी से कम नहीं है।डॉक्टर पिता की बिटिया ने एम्स से डॉक्टर की पढ़ाई की लेकिन मरीजों की सेवा करते उसे महसूस हुआ कि देश में गरीबी से बड़ी कोई बीमारी नहीं है और उसका इलाज करने के लिए यूपीएससी बेहतर प्लेटफॉर्म बन सकता है।दैनिक भास्कर से बातचीत में शेना ने बताया कि बीते साल 305 रैंक हासिल कर वह पहले ही आईआरएस के लिए चुनी जा चुकी है और नागपुर में ट्रेनिंग कर रही हूं। फिलहाल थी, लेकिन और बेहतर करने की इच्छा से उसने दोबारा हाथ आजमाया और नतीजा सामने है।
कैसे मिली सफलता
सफलता के मूलमंत्र के बारे में शेना ने कहा, कुछ खास नहीं बस जो करो दिल से करो और लगन से करो। 10वीं की पढ़ाई हरियाणा से करने बाद उच्च शिक्षा के लिए जब शेना दिल्ली पहुंची तो वहां भी टॉप करने की आदत नहीं छोड़ी और एआईपीएमटी में टॉप किया। शेना ने बताया उन्होंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एम्स से की।
कलाम हैं रोल मॉडल
रोल मॉडल के सवाल पर शेना का कहना था कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और अपने एक आईपीएस अंकल को सामने रखती हूं। एक आईएएस अधिकारी की प्राथमिकताओं पर शेना का कहना है कि जहां काम करने का अवसर मिलेगा वह तैयार है।
बस उनकी तो इतनी ही कोशिश है कि अक्सर डॉक्टरी के दौरान मरीजों का इलाज करते समय जब उन्हें देश में गरीबी के तमाम पहलुओं को जानने का अवसर मिला तभी से इच्छा है कि गरीबी की बीमारी को दूर करने के लिए कुछ करूं। शेना कहती है कि काम आसान तो नहीं है लेकिन अब जो प्लेटफॉर्म हासिल हुआ है उससे इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किए जा सकते हैं।