ईमेल के माध्यम से सदस्यता लें

अपना ईमेल पता दर्ज करें:

अब पीएचडी धारक बन पाएंगे सहायक आचार्य

शिमला. एचपी यूनिवर्सिटी से 2009 से पहले पीएचडी कर चुके हजारों छात्रों के असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता साफ हो गया है। कार्यकारी परिषद ने ऐसे छात्रों को जिन्होंने 2009 से पहले पीएचडी की है या पीएचडी करने के लिए रजिस्ट्रेशन की है, उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए नेट/सेट की शर्त से राहत देने का फैसला लिया है। ईसी के इस फैसले से करीब तीन हजार पीएचडी धारकों को फायदा होगा। इससे पहले एचपी यूनिवर्सिटी ने ऐसे छात्रों को सहायक आचार्य की नौकरी के लिए अयोग्य करार दे दिया था। प्रशासन ने नेट/सेट परीक्षा उत्तीर्ण न करने वाले पीएचडी छात्रों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया था। 
छात्रों ने उठाया था मामला 
पीएचडी धारकों ने मांग की थी कि 2009 से पहले नेट/सेट के आधार पर पीएचडी में दाखिला लेना जरूरी नहीं था। ऐसे में उस समय के छात्रों के लिए इस शर्त में राहत दी जानी चाहिए। 2009 के बाद ही नेट/सेट के आधार पर पीएचडी में दाखिला शुरू किया गया था। अन्य महत्वपूर्ण फैसले
एचपीयू की ओर से ली गई अंडर ग्रेजुएट की वार्षिक परीक्षाओं के रिजल्ट अब 27 मई के बाद घोषित किए जाएंगे।
नगर निगम चुनाव के चलते आचार संहिता लगने से इन परीक्षाओं के परिणाम 27 मई के बाद घोषित किए जाएंगे।
आचार संहिता के चलते बीएड में शिक्षकों की भर्ती के लिफाफे नहीं खोले गए। इन पदों के लिए 12, 13 मई को साक्षात्कार लिए गए थे। परिषद ने कहा कि यदि कोर्ट से इन लिफाफों को खोलने के दिशा निर्देश मिलते हैं, तो इन्हें खोल दिया जाएगा। http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-phd-holder-phd-assistant-3281645.html