सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन में स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने संबंधी आपत्ति से नाराज दीक्षित ने कहा कि जो स्कूल ऐसे प्रतिनिधियों को नहीं चाहते, वे लिखकर दे दें कि उन्हें सरकारी सहायता नहीं चाहिए। जैन ने आरोप लगाया कि सरकार का रवैया धमकाने वाला है। आर्थिक रूप से गरीब बच्चों के मद में सरकार प्रतिमाह महज 1190 रुपये तक देती है और इतने ही पैसे में किताब-कॉपी से लेकर जूते-जुराबें तक देने की अपेक्षा करती है, जो गलत है। बैठक से निकलने के बाद पूछे जाने पर दीक्षित ने संवाददाताओं से महज इतना कहा कि उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से अपनी समस्याएं लिखकर देने को कहा है। उन्होंने बातचीत की जानकारी देने से इंकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह आरटीई के तहत दिल्ली के पब्लिक स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों को आरक्षित करे।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=49&edition=2012-04-21&pageno=2
ईमेल के माध्यम से सदस्यता लें
आरटीई पर सरकार व पब्लिक स्कूलों में बढ़ी तनातनी
सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन में स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने संबंधी आपत्ति से नाराज दीक्षित ने कहा कि जो स्कूल ऐसे प्रतिनिधियों को नहीं चाहते, वे लिखकर दे दें कि उन्हें सरकारी सहायता नहीं चाहिए। जैन ने आरोप लगाया कि सरकार का रवैया धमकाने वाला है। आर्थिक रूप से गरीब बच्चों के मद में सरकार प्रतिमाह महज 1190 रुपये तक देती है और इतने ही पैसे में किताब-कॉपी से लेकर जूते-जुराबें तक देने की अपेक्षा करती है, जो गलत है। बैठक से निकलने के बाद पूछे जाने पर दीक्षित ने संवाददाताओं से महज इतना कहा कि उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से अपनी समस्याएं लिखकर देने को कहा है। उन्होंने बातचीत की जानकारी देने से इंकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह आरटीई के तहत दिल्ली के पब्लिक स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों को आरक्षित करे।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=49&edition=2012-04-21&pageno=2
Labels:
Educational News