भिवानी। मूल्यांकन को लेकर चल रहे गतिरोध मामले में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अब मूल्यांकन दरों में 50 फीसदी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बोर्ड के इस निर्णय के बाद शिक्षकों ने 30 अप्रैल से मूल्यांकन कार्य आरंभ करने का निर्णय लिया है। बोर्ड अब मूल्यांकन कार्य की वीडियोग्राफी भी नहीं करवाएगा.हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य की दरों में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी की गई है। सीनियर सेकेंडरी सेमेस्टर परीक्षा के मूल्यांकन की दरें 6 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका से बढ़ाकर 9 रुपये कर दी गई हैं। सेकेंडरी परीक्षा की मूल्यांकन दरें 5 रुपये से बढ़ाकर साढे़ सात रुपये कर दिया गया है। शिक्षकों के जलपान के लिए दी जाने वाली राशि 8 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है और लोक ल कन्वेंस की दर भी 5 से बढ़ाकर 10 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा सीनियर सेकेंडरी परीक्षाओं की पेपर सेटिंग का कार्य प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रवक्ताओं से करवाने का निर्णय लिया गया है।हसला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक में 30 अप्रैल सोमवार से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में हसला के राज्य प्रधान किताब सिंह मोर ने बताया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए मूल्यांकन का निर्णय लिया गया है। अन्य मांगों के लिए वे अभी पीछे नहीं हटे हैं। बोर्ड ने वीडियोग्राफी नहीं करवाने की मांग मान ली है। इसके अलावा मूल्यांकन दरें बढ़ाने पर भी बोर्ड सहमत हो गया है। जिला प्रधान रमेश मल्हान ने बताया कि यूनियन अपनी मांगों को लेकर सख्त थी लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों ने मूल्यांकन का कार्य शुरू करने पर सहमति जता दी है। बैठक में राज्य महासचिव जगबीर पंघाल, मुकेश जैन जींद, पूर्व राज्य प्रधान अनिल यादव, रोहतक से दयानंद दलाल, राजेश ढांढा, विजेंद्र सिंह आदि शामिल थे।http://epaper.amarujala.com/svww_index.php