जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट का मानना है कि यदि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत मार्च 2012 तक जारी ‘सतत शिक्षा’ परियोजना का नाम बदल कर ‘साक्षर भारत’ परियोजना रखा गया है और उसके तहत पहले की तरह ही साक्षरता परियोजना का ही संचालन किया जाना है, तो उस परियोजना में 2009 से कार्यरत प्रेरकों को नहीं हटाया जा सकता। हाईकोर्ट ने इस मामले में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन नई दिल्ली के निदेशक, साक्षरता व सतत शिक्षा कार्यक्रम जयपुर के निदेशक तथा जालोर कलेक्टर सहित 6 को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। यह आदेश न्यायाधीश गोविंद माथुर ने गांव संकर निवासी मोहनलाल व जालोर जिले के 21 अन्य प्रार्थियों की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई के तहत दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन नई दिल्ली के तहत प्रदेश भर में सतत शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा था। इसका नाम अब साक्षर भारत कर दिया गया है। अप्रार्थियों ने गत 30 मार्च को इस कार्यक्रम में 2009 से कार्यरत प्रेरकों को हटाने के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत किसी नाम से परियोजना चलाई जाए, उसमें प्रेरकों की आवश्यकता रहेगी। तब पहले से कार्यरत प्रेरकों को हटाकर नए प्रेरक लगाना पुराने प्रेरकों के साथ अन्याय होगा।
http://www7.bhaskar.com/article/RAJ-JOD-change-the-project-name-it-drivers-can-not-be-removed-high-court-3163842.html?OF21=