हिसार : तकनीकी पाठ्यक्रम में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों को कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) का भूत नहीं सताएगा। अब वे दाखिले के लिए अपनी तैयारी को मनपसंद पाठयक्रम तक ही समेट सकेंगे। प्रायोगिक के तौर पर विश्वविद्यालय ने विभागीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। यही नहीं, बैकलॉग वाले विद्यार्थियों को भी परीक्षा उतीर्ण करने के समय अंतराल में राहत दी गई है। दरअसल विभागीय स्तर पर दाखिला लेने के पीछे विश्वविद्यालय की भी स्वार्थ सन्निहित है। समय की बचत के साथ-साथ पहले अवसर में ही अच्छे विद्यार्थी मिल जाने की संभावना इस प्रयोग से बनेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल रंगा भी ऐसा ही मानते हैं। उनका कहना है कि निश्चित तौर पर उच्च कोटि के प्रतिभावन विद्यार्थी विश्वविद्यालय को मिलेंगे। हकीकत का एक पहलू यह भी है कि विश्र्वविद्यालय ही नहीं, इस प्रयोग से छात्र-छात्राओं के हित भी जुड़े हुए हैं। विद्यार्थियों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा से जुड़ी परेशानियों से राहत मिल जाएगी।
कुलपति डा. रंगा बताते हैं कि अब विद्यार्थी अपनी पसंदीदा पाठयक्रम में प्रवेश परीक्षा देकर दाखिला ले सकेंगे। जिसकी अभिरुचि जिस विषय या पाठयक्रम में होगी, वह उसी में प्रवेश के लिए आवेदन भरेगा। विश्वविद्यालय के प्रयोगवादी फैसलों का सुखद पक्ष यह भी है कि यहां अब विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। कुलपति डा. एमएल रंगा के अनुसार, वे विद्यार्थी जो पिछले सेमेस्टर के सभी सेमेस्टर उतीर्ण नहीं कर पाए, उनकी परीक्षा मुख्य परीक्षा के कुछ समय बाद ही ले ली जाएगी। पूर्व की तरह उन्हें एक साल तक बैकलॉग हटाने के लिए परीक्षा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि लगभग चालीस फीसदी ही पहले प्रयास में सभी सेमेस्टर उतीर्ण कर पाते हैं। पाठयक्रम का अंतिम वर्ष तक आते-आते कई विद्यार्थियों के एक-दो पेपर उतीर्ण नहीं कर पाते और उन्हें काफी इंतजार करना पड़ता है।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-04-22&pageno=13#id=111738623471167112_8_2012-04-22
कुलपति डा. रंगा बताते हैं कि अब विद्यार्थी अपनी पसंदीदा पाठयक्रम में प्रवेश परीक्षा देकर दाखिला ले सकेंगे। जिसकी अभिरुचि जिस विषय या पाठयक्रम में होगी, वह उसी में प्रवेश के लिए आवेदन भरेगा। विश्वविद्यालय के प्रयोगवादी फैसलों का सुखद पक्ष यह भी है कि यहां अब विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। कुलपति डा. एमएल रंगा के अनुसार, वे विद्यार्थी जो पिछले सेमेस्टर के सभी सेमेस्टर उतीर्ण नहीं कर पाए, उनकी परीक्षा मुख्य परीक्षा के कुछ समय बाद ही ले ली जाएगी। पूर्व की तरह उन्हें एक साल तक बैकलॉग हटाने के लिए परीक्षा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि लगभग चालीस फीसदी ही पहले प्रयास में सभी सेमेस्टर उतीर्ण कर पाते हैं। पाठयक्रम का अंतिम वर्ष तक आते-आते कई विद्यार्थियों के एक-दो पेपर उतीर्ण नहीं कर पाते और उन्हें काफी इंतजार करना पड़ता है।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-04-22&pageno=13#id=111738623471167112_8_2012-04-22