.jpg)
इसे हम ठेके पर नियुक्ति नहीं कहेंगे। अलबत्ता, यह भरती तो रेगुलर होगी,लेकिन उन्हें एक-एक साल कर संतोषजनक सर्विस पांच साल कांट्रैक्ट पर पूरी करनी होगी। उनकी परफारमेंस के आधार पर उन्हें पांच साल के बाद रेगुलर कर दिया जाएगा। यह पहली बार प्रावधान किया गया है। इससे कांट्रैक्ट पर रखे टीचर अच्छे से पढ़ाई कराएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।-एसपी सरो, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, हरियाणा
ये मिलेंगी छुट्टियां-कांट्रैक्ट पर रखे टीचरों को हर महीने सिर्फ एक कैजुअल लीव मिलेगी जो कैलेंडर वर्ष में कभी भी ली जा सकेगी। इसके अलावा किसी अन्य प्रकार की कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। चिकित्सा प्रतिपूर्ति और एलटीसी भी नहीं मिलेगा, लेकिन प्रसूति अवकाश मिलेगा। अगर पांच दिन लगातार बिना बताए टीचर गैरहाजिर रहा तो कांट्रैक्ट स्वयं समाप्त हो जाएगा। कांट्रैक्ट पर रखे किसी भी टीचर का तबादला नहीं होगा। अगर सरकार ऐसे टीचरों को कहीं भेजती है, उस हालत में उन्हें टीएडीए दिया जाएगा।न वेतन पूरा और न पूरी छुट्टियां मिलेंगी नहीं मिलेंगे भत्ते कांट्रैक्ट के दौरान पीआरटी टीचर को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 9300 +4200 = 13500 रुपये प्रति महीना मिलेंगे। डीए नहीं मिलेगा। टीजीटी टीचर को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 10230 + 4600 = 14830 रुपये प्रति महीना होगा। पीजीटी को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 12090 + 4800 = 16890 रुपये प्रति महीना मिलेंगे। हर साल कांट्रैक्ट बढ़ने के साथ न्यूनतम पे बैंड और ग्रेड पे का 3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा किसी को भी डीए, मकान किराया भत्ता, मेडिकल भत्ता नहीं मिलेगा और न ही कोई अन्य प्रतिपूर्ति होगी। पांच साल की नौकरी के मूल्यांकन के बाद हो सकेंगे रेगुलर.