फतेहाबाद : हरियाणा जहां शिक्षा का हब बनने की ओर अग्रसर है। इसी के तहत वर्ष 2009 में शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू कर प्रदेश ने देश का प्रथम राज्य बनने का गौरव हासिल किया है। सरकार ने आम बजट में भी शिक्षा के लिए करीब 20 प्रतिशत हिस्सा रखा है। इससे बावजूद भी निजी स्कूल से सरकारी स्कूलों की तुलना बेमानी लगती है। चाहे व शिक्षा स्तर में हो या फिर फीस या अन्य सुविधाओं के मामले में हो। सरकारी स्कूलों में जहां सरकार ने कई फंड व प्रवेश निशुल्क किए वहीं निजी स्कूलों ने प्रवेश शुल्क के साथ-साथ मासिक शुल्क में भी इजाफा किया है। निजी स्कूलों की फीस ने तोड़े रिकार्ड: जिले के निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने फीस कई महानगरों के निजी स्कूलों के बराबर निर्धारित की है। निजी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए करीब 2 से 5 हजार रुपये प्रवेश शुल्क व 600 से 950 रुपये प्रतिमाह फीस निर्धारित की है। 9वीं व 10वीं में प्रवेश शुल्क करीब 4 हजार से 6 हजार प्रवेश शुल्क व एक से डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह फीस विद्यार्थियों से वसूले जा रहे हैं,
जबकि 11वीं व 12वीं में सभी खर्च के साथ वार्षिक फीस पैकेज के रूप में 30 हजार से अधिक रुपये अलग-अलग किस्तों में वसूल किए जा रहे हैं। 134 ए के तहत 1412 लाभान्वित: 134 ए के तहत गरीब व मेधावी बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने की प्रदेश सरकार ने योजना बनाई है। इस योजना के तहत शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के 40 निजी स्कूलों ने अपने विद्यालयों में 1412 विद्यार्थियों को प्रवेश देकर उन्हें शिक्षा ग्रहण करवाई। विज्ञान संकाय में बढ़ी रुचि: निजी व सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ रही है। अधिकतर बच्चे विज्ञान विषय लेने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। फतेहाबाद के राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य अजीत सिंह चुघ ने कहा कि इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत बच्चे आर्ट व वाणिज्य विषय के अपेक्षा विज्ञान विषय में दाखिला ले रहे हैं। उनका कहना है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इंजीनियर व डाक्टर बनाना चाहते हैं।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-04-09&pageno=9
जबकि 11वीं व 12वीं में सभी खर्च के साथ वार्षिक फीस पैकेज के रूप में 30 हजार से अधिक रुपये अलग-अलग किस्तों में वसूल किए जा रहे हैं। 134 ए के तहत 1412 लाभान्वित: 134 ए के तहत गरीब व मेधावी बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने की प्रदेश सरकार ने योजना बनाई है। इस योजना के तहत शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के 40 निजी स्कूलों ने अपने विद्यालयों में 1412 विद्यार्थियों को प्रवेश देकर उन्हें शिक्षा ग्रहण करवाई। विज्ञान संकाय में बढ़ी रुचि: निजी व सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ रही है। अधिकतर बच्चे विज्ञान विषय लेने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। फतेहाबाद के राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य अजीत सिंह चुघ ने कहा कि इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत बच्चे आर्ट व वाणिज्य विषय के अपेक्षा विज्ञान विषय में दाखिला ले रहे हैं। उनका कहना है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इंजीनियर व डाक्टर बनाना चाहते हैं।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-04-09&pageno=9