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टूट गई 20 हजार प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों की आस!

जयपुर.राज्य में एक से दूसरे जिले में तबादले की आस लगाए बैठे करीब 20 हजार प्राथमिक शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के कारण प्रदेशभर में जिलेवार रोस्टर गड़बड़ाने की आशंका को देखते हुए फिलहाल विभागीय स्तर पर यह फैसला किया गया। जिला बदलने के इच्छुक शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करना पड़ेगा। इन शिक्षकों के तबादले पंचायतीराज और शिक्षा विभाग की सहमति से होंगे। यदि मुख्यमंत्री स्तर कोई निर्णय होता है तो ऐसे शिक्षकों को राहत भी मिल सकती है।प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद तबादला प्रक्रिया शुरू होने पर सबसे ज्यादा खुश पंचायतीराज के वे शिक्षक थे, जो लंबे समय से एक से दूसरे जिले में जाने के इच्छुक हैं। इनमें करीब 15-17 हजार की संख्या प्रतिबंधित जिलों से निकलने की आस लगाए बैठे शिक्षकों की है। प्रतिबंधित जिलों में बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, डूंगरपुर, सिरोही, जालौर, झालावाड़, बांसवाड़ा शामिल हैं। विभाग के सामने बड़ी परेशानी इस बात की है कि यदि प्राथमिक शिक्षकों को एक से दूसरे जिलों में भेजना शुरू किया गया तो तृतीय श्रेणी भर्ती का पूरा रोस्टर गड़बड़ा जाएगा।
विभाग के पास इन शिक्षकों के तबादलों की अर्जियां पहले ही आ चुकी हैं। बड़ी संख्या में शिक्षक अब नए सिरे से तबादला आवेदन की तैयारी भी कर रहे हैं। पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय का कहना है कि विभाग के लिए सबसे बड़ा काम तृतीय श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया को समय पर पूरा करना है। एक जिले से दूसरे जिले के तबादले होने पर पूरा रोस्टर ही गड़बड़ा जाएगा और शिक्षकों का पूरा अनुपात बिगड़ जाएगा। मुख्यमंत्री स्तर पर कोई निर्देश दिए जाते हैं तो इसके अनुसार काम करेंगे। राजस्थान पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर ने मांग की कि तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म होना चाहिए और तबादला नीति के आधार पर हों। गुर्जर ने एक जिले से अन्य जिलों में भी तबादला करने की मांग उठाई।http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JAI-broken-transfers-around-20-thousand-primary-teachers-3157600.html