हिसार : वर्तमान शिक्षा पद्धति विद्यार्थियों के लिए बोझ बनती जा रही है। इंजीनियर बनने की चाह रखने वाले 88 प्रतिशत विद्यार्थी स्ट्रेस का शिकार हैं। यह खुलासा गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ बिहेवियर रिसर्च एंड इंट्रावेंशन डिपार्टमेंट ऑफ अप्लाइड साइक्लोजी द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है। विभाग ने यह सर्वे शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य तथा वहां मिल रही मेंटल हेल्थ सुविधाओं को जानने के लिए कराया। सर्वे के तहत प्रदेश के 16 जिलों के 16 शिक्षण संस्थानों का सर्वे किया गया है। इनमें दो सरकारी व 14 निजी शिक्षण संस्थान हैं। इन संस्थानों के 32 सौ विद्यार्थियों से सर्वे के तहत बातचीत की गई हैं, जिनमें से 12 सौ छात्राएं हैं। सर्वे के तहत 88 प्रतिशत विद्यार्थियों ने बताया कि वह स्ट्रेस का शिकार हैं। यानि शिक्षा को बोझ मान रहे हैं। इसके अलावा इंटरनेट पर कई प्रकार की सूचना होने से निर्णय लेने की अक्षमता भी बढ़ी है। 55 प्रतिशत विद्यार्थी मानते हैं वह जल्दी से किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते। यहीं नहीं इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों में तनाव की स्थिति लगातार बढ़ रही है। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 51 फीसद है, जो अपने आप को तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-03-26&pageno=1#id=111736504071087216_8_2012-03-26