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अब प्रदेश स्तर पर खोजे जाएंगे बाल वैज्ञानिक

सिरसा : बाल वैज्ञानिकों की खोज अब स्कूल स्तर के अतिरिक्त राज्य स्तर पर भी की जाएगी। इसके लिए प्रांत के तीन सौ ग्यारहवीं व बारहवीं के छात्र-छात्राओं का चयन मैट्रिक के परीक्षाफल के आधार पर किया जाएगा। ये सभी बच्चे अगस्त माह के दौरान करनाल में होने वाले राच्य स्तरीय प्रदर्शनी में हिस्सा लेंगे। शिक्षा विभाग ने प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लगने वाले जिला स्तरीय विज्ञान माडल प्रदर्शनी के रूपरेखा में फेरबदल किया है। निदेशक की तरफ सभी जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र के अनुसार वैज्ञानिकों का चयन विज्ञान में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के आधार पर न करके मैरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। विभाग की तरफ से हर प्रतिभागियों को विज्ञान मॉडल बनाने के लिए पांच हजार रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अंतर्गत सबसे पहले चयनित बाल वैज्ञानिक जिला स्तरीय माडल प्रदर्शनी में भाग लेंगे। जिला स्तरीय प्रदर्शनी में शामिल होने वाले दस फीसदी प्रतिभागियों का चयन राच्य स्तरीय प्रदर्शनी के लिए किया जाएगा। गौरतलब है कि हर साल इंस्पयार योजना के तहत छठीं से दसवीं कक्षा के बच्चों को चयन जिला, राच्य व राष्ट्रीय स्तरीय पर आयोजित होने वाले प्रदर्शनी के लिए किया जाता है।

परंतु शिक्षक बाल वैज्ञानिकों का चयन रुचि व परीक्षाफल के आधार पर न करके चेहरे के आधार करने लगे थे। इसके कारण अधिकांश योजना अपने लक्ष्य से भटकता हुआ दिखाई देने लगा था विज्ञान समन्वयक लेंगे प्रशिक्षण पहली बार एमडी यूनिवर्सिटी के बायो टेकAोलाजी विभाग प्रांत के तमाम जिला विज्ञान समन्वयक को प्रशिक्षण देंगे। पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर रोहतक में लगाया जाएगा। जिसमें विज्ञान समन्वयक को किए गए फेरबदल, उद्देश्य, विद्यार्थियों का चयन व योजना के रूपरेखा के विषय में बताया जाएगा। श्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन करना लक्ष्य जिला विज्ञान समन्वयक डा. ज्ञान चावला ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य श्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन करना है। योजना में किए गए फेरबदल से बेहतर छात्र-छात्राओं को काफी मौका मिलेगा।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-03-05&pageno=3