चंडीगढ़। हरियाणा के 16 हजार गेस्ट टीचरों के भविष्य का फैसला 30 मार्च को होगा। प्रदेश सरकार गेस्ट टीचरों की सेवाएं बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई है। सरकार की स्पेशल लीव पटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में 30 मार्च को सुनवाई होगी। बुधवार देर शाम गेस्ट टीचरों के साथ चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बैठक की। एक घंटे की इस बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका है।पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले साल 30 मार्च को फैसला दिया था कि हरियाणा सरकार 31 मार्च 2012 तक रेगुलर टीचर भरती कर ले और 31 मार्च 2012 को गेस्ट टीचरों की सेवाएं खत्म कर दी जाएं। इस अवधि में सरकार रेगुलर टीचर भरती नहीं कर सकी और सरकार ने हाईकोर्ट से रेगुलर टीचर भरती के लिए 10 महीने का समय भी मांगा। इसे हाईकोर्ट ने स्वीकार तो कर लिया, लेकिन गेस्ट टीचरों की सेवाएं 31 मार्च से आगे बढ़ाने की इजाजत नहीं दी।सरकार ने हाईकोर्ट के दो सप्ताह पहले दिए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी। सरकार ने मांग की है कि जब तक रेगुलर टीचर भरती नहीं हो जाते, तब तक गेस्ट टीचरों को काम करने दिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट में 30 मार्च को सुनवाई होगी। उधर, गेस्ट टीचरों ने भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर मांग की है कि उन्हें सेवा से न हटाया जाए। दोनों एसएलपी एक जैसी होने के कारण सुप्रीम कोर्ट दोनों पर एक साथ 30 मार्च को सुनवाई करेगी।
रेगुलर करने की मांग बेनतीजा रही-
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, स्कूल शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन और गेस्ट टीचरों की बुधवार शाम को बैठक हुई। गेस्ट टीचरों की मांग थी कि उन्हें रेगुलर किया जाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि वे भी चाहते हैं लेकिन कानून के अनुसार ही कुछ किया जा सकता है।
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