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प्रिंसिपल बनने को काउंसिलिंग आज से

चंडीगढ़ : प्रदेश के 627 लेक्चरर एवं हेडमास्टर जल्दी ही प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति हासिल करेंगे। पदोन्नति की सूची जल्दी ही जारी होने वाली है। उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। काउंसिलिंग की प्रक्रिया पंचकूला में बुधवार को पूरे दिन चलेगी। प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची के क्रम संख्या 255 तक नियमित पदोन्नति तथा 256 से 476 तक को करंट ड्यूटी चार्ज के रूप में पदोन्नति मिलेगी। 276 प्रधानाचार्य के पदों पर नियमित तथा 351 पदों पर करंट ड्यूटी चार्ज के रूप में पदोन्नति होनी है। पंचकूला के इंद्रधनुष स्टेडियम में होने वाली काउंसलिंग के दौरान प्रत्येक प्रधानाचार्य से तीन-तीन स्टेशन के नाम मांगे जाएंगे। उनमें से कोई एक स्टेशन पदोन्नति हासिल करने वाले प्रधानाचार्य को अलॉट कर दिया जाएगा। पदोन्नति के लिए करीब 20 साल पुराने फार्मूले को ही आधार बनाया गया है। 1992 में जब लेक्चरर 2915 व हेडमास्टर 1849 थे, जब प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए यह अनुपात 60 व 40 प्रतिशत का रखा गया था। यानि 60 प्रतिशत पदों पर लेक्चरर व 40 प्रतिशत पर हेडमास्टर की पदोन्नति होगी, लेकिन आज 2012 में लेक्चरर की संख्या 12 हजार 500 व हेडमास्टर की संख्या मात्र 1607 है।
इसके बावजूद पदोन्नति का अनुपात 60 व 40 रखा गया है, जबकि यह अनुपात शिक्षकों की संख्या के लिहाज से 86 प्रतिशत व 14 प्रतिशत का बन रहा है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष किताब सिंह मोर ने शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल तथा निदेशक समीर पाल सरो से मुलाकात कर पदोन्नति के लिए लागू इस आधार पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि करीब 20 साल पहले लागू पद्धति के आधार पर पदोन्नति किसी सूरत में उचित नहीं है। इस पद्धति को बदलने के लिए तत्कालीन शिक्षा महानिदेशक केके खंडेलवाल ने सहमति दे दी थी, मगर उसे लागू नहीं किया जा सका।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-02-08&pageno=5#id=111732789771107160_8_2012-02-08