.jpg)
हसला जिला प्रधान महिपाल पूनिया ने बताया कि 2007 में लगे हेडमास्टर प्राचार्य बन चुके हैं, लेकिन 1991 में लगे लेक्चरर्स अभी तक प्राचार्य नहीं बने। वर्तमान समय में प्रदेश में लेक्चरर्स की संख्या साढे 12 हजार से अधिक हैं, जबकि हेडमास्टर लगभग 16 सौ हैं। उन्होंने कहा कि संख्या के आधार पर ज्यादा लेक्चरर्स को पदोन्नति का लाभ अधिक मिलना चाहिए। फिलहाल 60-40 के अनुपात में प्रमोशन दिया जा रहा है जबकि नयी शिक्षा नीति के तहत यह शतप्रतिशत होनी चाहिए। नयी शिक्षा नीति के तहत 9वीं कक्षा से ही लेक्चरर्स बच्चों को पढ़ाएंगे। वहीं इस संबंध में अतिरिक्त शिक्षा निदेशक सतबीर सैनी ने बताया कि प्रमोशन के संबंध में हसला का प्रतिनिधि मंडल दल शिक्षा मंत्री सहित अन्य से मिला है। इस दौरान आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही उन्हें प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए लिस्ट के आधार पर काफी लेक्चरर्स प्राचार्य बनेंगे। साथ ही हेडमास्टर से प्राचार्य बनने के लिए प्रमोशन की लिस्ट जारी की जाएगी। अब सीधी भर्ती 67 फीसदी प्रदेश में अब लेक्चरर्स की सीधी भर्ती 67 फीसदी होगी। जो पहले 50 फीसदी पर सीमित थी। इस संबंध में शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नयी शिक्षा नीति के तहत लेक्चरर्स की सीधी भर्ती 67 व प्रमोशन के तहत 33 फीसदी भर्ती होगी। पहले यह 50 -50 फीसदी हुआ करती थी।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-02-04&pageno=11#id=111732444371110520_8_2012-02-04