जम्मू : बीएड की रेगुलर परीक्षा 2011 में हुए फर्जीवाड़ा मामले में 4700 के करीब विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा है। जम्मू विश्वविद्यालय विद्यार्थियों पर कोई फैसला लेने से पहले संबधित बीएड कॉलेजों के प्रिंसिपलों से 16 फरवरी को बैठक कर उनसे बातचीत करेगा।परीक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के तत्कालीन वीसी प्रो. वरुण साहनी द्वारा बनाई गई 18 सदस्यीय कमेटी ने फार्मो की जांच के बाद करीब 4700 विद्यार्थियों के हस्ताक्षर में फर्क पाया था। इसमें दो बीएड कॉलेजों को छोड़ कर शेष सभी कॉलेजों के विद्यार्थी शामिल हैं। यह विश्वविद्यालय की सख्ती का ही असर था कि इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ। सभी बीएड कॉलेजों के प्रिंसिपलों को पत्र लिखकर उनसे 14 फरवरी दोपहर तक अपना जबाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि बीएड कॉलेजों के प्रिंसिपल 18 फरवरी को विश्वविद्यालय में बैठक में भाग लें ताकि मुद्दे पर उनसे पूछताछ और विचार विमर्श कर फैसला किया जाए। वाइस चांसलर प्रो. मोहन पाल सिंह ईशर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रिंसिपलों को लिखित जवाब देने और उनके साथ बैठक करने के निर्देश दिए।
कुल 22 हजार के करीब विद्यार्थियों ने बीएड परीक्षा दी थी। सभी फार्मो की जांच के बाद इतने सारे मामले सामने आए। बीएड का परिणाम इस कारण ही लटक रहा है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में विश्वविद्यालय के वीसी, कंट्रोलर, डायरेक्टर कॉलेज डेवलपमेंट और वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। बीएड परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल के मामले भी सामने आए थे, जिसके बाद करीब डेढ़ सौ विद्यार्थियों पर अनफेयरमीन्स के मामले बनाए गए। लेकिन, अब इतनी अधिक संख्या में विद्यार्थियों पर आरोप लगाने के बाद विश्वविद्यालय कोई भी कड़ा फैसला लेने से हिचकिचा रहा है। कंट्रोलर प्रो. जीएम भट्ट का कहना है कि मामले का निपटारा होते ही बीएड का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
काबिलेगौर बात यह है कि बीएड का कोर्स व परीक्षा अक्सर विवाद में रहता है। कभी सीटें खाली रहने पर मामला गरमाता है, कभी एजेंटों के सक्रिय होने तो कभी गैरहाजिर विद्यार्थियों को उपस्थित देने के मामले सामने आते हैं। कुल मिलाकर अगर यह कहा जाए कि अधिकतर बीएड कॉलेज शिक्षा क्वालिटी की तरफ ध्यान नहीं देते तो गलत नहीं होगा।http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jammuandkashmir/4_10_8882207.html