अफसरों की गलती शिक्षकों को सजा
शिमला/धर्मशाला . शिक्षा विभाग में बैच वाइज लगाए गए ओवरएज सीएंडवी शिक्षकों की तैनाती अधिकारियों की गलती से हुई। वर्तमान में अब जब सरकार एेसे शिक्षकों को नौकरी से निकालने की बात कह रही है, तो वह अधिकारियों की गलती से उनके लिए पुरानी नौकरी के दरवाजे भी बंद हो गए हैं। ऐसे शिक्षकों को जब विभाग की तरफ से नियुक्ति पत्र मिला तो उन्होंने प्राइवेट क्षेत्र में अपनी नौकरी छोड़ दी। अब वर्तमान स्थिति में उनके लिए पहली जगह से भी दरवाजे बंद हो गए हैं। इससे ओवरएज शिक्षक अब सड़कों पर आ गए हैं। हिमाचल प्रदेश ओवरएज सीएंडवी शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष सुनीता चौहान का कहना है कि शिक्षा विभाग ने 31 जुलाई, 2010 को जारी पत्र के अनुसार कला अध्यापकों के 200, भाषा अध्यापकों के 450 और शास्त्री के 225 पदों को बैच वाइज भर्ती के लिए लिखा था। इसमें से शास्त्री और भाषा अध्यापकों के मामले 50 फीसदी थे, जबकि शेष 50 फीसदी पद अधीनस्थ चयन बोर्ड की तरफ से भरे जाने थे। इसके अतिरिक्त भाषा अध्यापकों के मामले में कुल भर्ती में से 37.5 फीसदी बैच वाइज सीधी भर्ती और 25 फीसदी योग्य जेबीटी अध्यापकों को पदोन्नत कर भरे जाने थे। इसी प्रक्रिया के तहत उनकी नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 2011 को जारी अधिसूचना में इन नियुक्तियों को गलत ठहराया गया। अधिसूचना के अनुसार सरकार ने 15 जनवरी 1987 को शिक्षकों को भर्ती में ऊपरी आयु सीमा की छूट को वापस ले लिया था। 45 वर्ष से ऊपर लोगों को मिलती रही। निदेशक कार्यालय से दो वर्ष तक इसे जारी नहीं किया गया और भर्ती प्रक्रिया 15 जनवरी, 1987 की छूट संबंधी अधिसूचना के अनुसार होती रही। जब यह अधिसूचना जिला कार्यालयों में पहुंची तब तक शिक्षक नियुक्त हो चुके थे। कुछ लोगों ने सरकारी नौकरी की चाह में अपनी पुरानी नौकरी छोड़ने के लिए तीन माह का वेतन तक जमा करवाया है। वहीं कुछ लोगों ने ऋण लेकर अपने काम को शुरू कर रखा था, जिन्हें नौकरी मिलने पर छोड़ दिया। यदि विभाग उनको निकालता है, तो वह बेरोजगार हो जाएंगे।
शिक्षक संघ का समर्थन
हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान ने विभागीय गलती से बैच वाइज नियुक्त हुए ओवरएज शिक्षकों की सेवाएं बरकरार रखी जानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए एलीमेंटरी शिक्षा विभाग के निदेशक को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद यह जिम्मेदारी उप निदेशकों की बनती है और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
साक्षात्कार के बाद मिली नौकरी
हिमाचल प्रदेश ओवरएज सीएंडवी शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष सुनीता चौहान का कहना है कि उनको बैच वाइज भर्ती के लिए रोजगार कार्यालयों से नाम मंगवाए थे। इसी आधार पर उनके साक्षात्कार हुआ और बाद में नौकरी दे दी गई।http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-teachers-make-the-mistake-of-officers-punished-2790359.html