रिमांड अवधि समाप्त होने पर पुलिस ने आरोपियों को एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अमित बंसल के समक्ष पेश किया। इसके बाद, अदालत ने सभी को 31 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उज्जैन मेडिकल कालेज में द्वितीय वर्ष एमबीबीएस का छात्र मोहित चौधरी (23) इस रैकेट का मुखिया है। वहीं, डा. अमित पुनिया (23), एमबीए के दो छात्र कपिल कुमार (27) और कृष्ण प्रताप सिंह (27) वर्ष के अलावा भीष्म सिंह (23) भी शामिल हैं। बाद में पुलिस ने दो डाक्टर साइ बालेंद्र बख्शी (35) और विमल डांगी (31) को भी गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के आरोप के अनुसार यह गिरोह एमबीबीएस छात्रों को निशाना बनाता था, जो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नामांकन करना चाहते थे। गिरोह छात्रों से 25 से 35 लाख रुपए तक वसूलता था और प्रश्नपत्र लीक करने के लिए कथित तौर पर अत्याधुनिक साफ्टवेयर और ई-मेल चित्रों का प्रयोग करता था।
गिरोह के सदस्य इसके लिए कमीज में छिपाए गए ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते थे। उल्लेखनीय है कि देश भर में सरकारी मेडिकल कालेजों में 50 फीसदी स्नातकोत्तर सीट भरने के लिए एम्स की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायत के बाद इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था।http://www.bhaskar.com/article/DEL-ames-test-case-all-accused-sent-to-tihar-2762462.html