नौकरी के लिए अमेरिका पहली पसंद
नई दिल्ली। विकसित देशों में गहराते आर्थिक संकट के बावजूद काम करने के बेहतर माहौल और भविष्य की संभावनाएं भारतीय एमबीए डिग्री धारियों को अपनी ओर खींच रही हैं। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थाओं के छात्र नौकरी के लिए अमेरिका और ब्रिटेन को सर्वाधिक पसंद करते हैं। उद्योग संगठन एसोचैम ने अपने हालिया सर्वे में यह खुलासा किया है।कुछ दिन पहले एसोचैम की एक विशेष टीम ने देश के प्रमुख बिजनेस स्कूलों के छात्रों के बीच नौकरी की प्राथमिकता को लेकर अध्ययन किया था। इसमें पाया गया कि 75 फीसदी एमबीए डिग्रीधारी अमेरिका में नौकरी पाना चाहते हैं। जबकि 40 फीसदी ब्रिटेन और 25 फीसदी ऑस्ट्रेलिया को नौकरी के लिए पसंदीदा देश मानते हैं। इसके अलावा उनके विकल्प में यूरोप, कनाडा, सिंगापुर, और यूएई भी शामिल हैं। आईआईएम, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी समेत दर्जन भर प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों की पहली प्राथमिकता इन देशों में नौकरी हासिल करना है।पांच सौ से ज्यादा छात्रों के बीच कराए सर्वे में विकसित देशों के प्रति छात्रों के रुझान का कारण वहां काम करने के स्वस्थ माहौल के साथ उन्नति की ज्यादा संभावनाएं थीं। सर्वे के बारे में एसोचैम के महासचिव डी एस रावत का कहना है कि देश के ज्यादातर एमबीए ग्रेजुएट विदेशों में काम करने के इच्छुक हैं।
वे अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल ऐसे देशों में करने को लेकर उत्साहित हैं जहां काम के साथ अच्छा वेतन और आधुनिक जीवनशैली भी मिले।सर्वे में शामिल 83 फीसदी छात्रों का कहना है कि अच्छे जॉब प्रोफाइल से उन्हें भविष्य में कैरियर संवारने में मदद मिलेगी। इसलिए बढ़िया वेतन के प्रस्ताव को ठुकरा कर उन्नति की संभावना वाले प्रोफाइल पर नौकरी करना बेहतर विकल्प मान रहे हैं। सर्वे में 51 फीसदी एमबीए छात्रों ने बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी को प्राथमिकता दी है जबकि कंसलटेंसी, मार्केटिंग और आईटी सेक्टर दूसरे विकल्पों में है।http://epaper.amarujala.com/svww_index.php