चंडीगढ़ : बच्चों के विकास के लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत हरियाणा में आठ हजार अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की योजना है। इस पर "85 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में बाल अधिकार और बाल विकास विषय पर आयोजित सेमिनार में हरियाणा के श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शिवचरण लाल शर्मा ने यह जानकारी दी। सेमिनार में आर्थिक रूप से कमजोर तीन विद्यार्थियों को छह-छह हजार रुपये की माता श्रीमती साईबीवा खड़गे छात्रवृत्ति प्रदान की गई। नूतन प्रयास नामक संस्था द्वारा हर साल तीन बच्चों को यह छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। शिवचरण शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गरीब बच्चों को मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थाओं में दाखिला और वजीफा दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार बाल श्रम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए पानीपत, यमुनानगर और फरीदाबाद में पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां श्रमिकों के लिए एक विस्तृत श्रम नीति है और मजदूरों का न्यूनतम वेतन अन्य राज्यों से अधिक है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण किशोर बालिका पुरस्कार योजना के तहत हरियाणा शिक्षा बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में पहले तीन स्थान पाने वाली ग्रामीण स्कूलों की बालिकाओं को 2,000, 1,500 और 1,000 रुपये के पुरस्कार दिए जा रहे हैं। सेमिनार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संप्रग सरकार के प्रयासों से देश में बाल श्रमिकों की संख्या में 44 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि देश में बाल जनसंख्या 25 करोड़ से ज्यादा है।
इनमें से 18 करोड़ से अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि सभी बच्चे स्कूल जाएं। सेमिनार में हरियाणा बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष आशा हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को गुणवत्तापरक तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करा रही है ताकि वे अच्छे रोजगार हासिल कर सकें।
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