इससे अधिकांश विधवा अथवा परित्यक्ता महिलाएं, जो बीएसटीसी अथवा बीएड उत्तीर्ण नहीं हैं, तृतीय श्रेणी अध्यापकों के पदों पर नियुक्त नहीं की जा सकती हैं, ऐसी महिलाओं के लिए इसके तहत सरकारी खर्च पर बीएसटीसी या बीएड की योग्यता अर्जित करने की सुविधा दी जाएगी। योजना का लाभ पाने के लिए वह सभी विधवा एवं परित्यक्ता महिलाएं पत्र मानी गई हैं, जो वर्ष 2011-12 एवं इसके आगामी वर्षो में राज्य में स्थित शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं में बीएसटीसी अथवा बीएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेगी।
शपथ पत्र देना होगा
विधवा होने की स्थिति में पति के मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि के साथ महिलाओं को यह शपथ पत्र भी देना होगा कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है। परित्यक्ता होने की स्थिति में सक्षम न्यायालय द्वारा जारी डिक्री की प्रतिलिपि के साथ शपथ पत्र देना होगा कि पुनर्विवाह नहीं किया। मुस्लिम महिलाओं के प्रकरण में सक्षम न्यायालय द्वारा जारी डिक्री के अलावा अधिकृत काजी द्वारा जारी तलाकनामा भी मान्य होगा लेकिन तलाकनामे के साथ समाज के दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के शपथ पत्र प्रस्तुत करने होंगे, जो तलाक को प्रमाणित करते हों।http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JOD-government-spending-would-be-able-to-bed-the-widow---pritykta-2520204.html