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सरकारी स्कूलों को नेबरहुड बनाने की तैयारी


चंडीगढ़। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत हरियाणा के गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाएगा! सरकारी स्कूलों को राज्य सरकार नेबरहुड बनाने की तैयारी में है।हरियाणा में आरटीई रुल्स भी अधिसूचित हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात बनाने की मैराथन भी पूरी कर ली है। आरटीई के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को पहली से आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्य सरकार को धन भी मुहैया कराया है। आरटीई के तहत यह भी प्रावधान है कि प्राइवेट स्कूलों में अगर कोई गरीब बच्चा दाखिला मांगेगा तो 25 फीसदी सीटें उनके लिए रिजर्व रहेंगी। इसके लिए राज्य सरकार नेबरहुड स्कूल घोषित करेगी। जिस क्षेत्र के लिए नेबरहुड स्कूल घोषित किया जाएगा, उस क्षेत्र के बच्चे उसी स्कूल में आरक्षित सीट पर दाखिले के लिए आग्रह कर सकेंगे। उस बच्चे की फीस राज्य सरकार अपने पास से देगी। दाखिला लेने के लिए बच्चे के अभिभावक को संबंधित जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी या अधिकृत अफसर से संपर्क करना होगा।
हरियाणा में आरटीई रूल्स के तहत जितनी परिधि में पहली से आठवीं कक्षा तक का स्कूल चाहिए, लगभग उतनी परिधि में सरकारी स्कूल हैं। इसलिए राज्य सरकार अपने सरकारी स्कूलों को ही नेबरहुड स्कूल बनाने की तैयारी में है। अगर कहीं पर सरकारी स्कूल नहीं होगा तो वहां के किसी निजी स्कूल को नेबरहुड घोषित किया जाएगा। यानी गरीब बच्चे को आरटीई रूल्स के तहत नेबरहुड स्कूल (सरकारी स्कूल) में ही दाखिला मिलेगा। राज्य सरकर अगले 15 दिन में नेबरहुड स्कूल अधिसूचित कर देगी।आरटीई : निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें रखी जानी हैं रिजर्व.राज्य सरकार अपने सरकारी स्कूल को ही अधिसूचित करेगी नेबरहुड स्कूल
आरटीई के तहत मुफ्त शिक्षा दिलाने की जिम्मेवारी सरकार की है। सरकार के पास अपने इतने स्कूल हैं कि उनमें बच्चों को शिक्षा दिलाने का पूरा ढांचा है। इसलिए सरकारी स्कूलों को नेबरहुड स्कूल अधिसूचित किया जाएगा। अगर कहीं सरकारी स्कूल नहीं होगा तो वहां निजी स्कूल को नेबरहुड स्कूल बनाया जा सकता है।
सुरीना राजन,वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव, स्कूल शिक्षा, हरियाणा http://epaper.amarujala.com/svww_index.php