
चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शिव नारायण द्विवेदी ने कहा कि दस दिन के थोड़े से समय में परीक्षा लेने की वजह से कई प्रतिभावान छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा होने के बाद भी माध्यम अंग्रेजी नहीं रखा गया। सिर्फ हिंदी में सवाल पूछे गए। ओएमआर शीट में एमएससी नर्सिग 2011 का उल्लेख है। विवि में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त स्थान है।
इसके बाद भी आयुर्वेद कॉलेज में परीक्षा ली गई। परीक्षा होने के पहले ही कई छात्रों को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति दी गई। इससे यहां मनमानी करने की परंपरा विकसित होगी। उन्होंने परीक्षा निरस्त कर फिर से आयोजित करने की मांग की है।