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शिक्षाकर्मियों को मिलेगा नया पदनाम और अंशदायी पेंशन

रायपुर। राज्य के शिक्षाकर्मियों को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने को है। उनके पदनाम बदलने के साथ ही उन्हें अंशदायी पेंशन योजना का लाभ देने की तैयारी कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक 17 अक्टूबर को होने वाली बैठक में योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विदेश दौरे से लौटते ही इसकी घोषणा कर सकते हैं। फैसले से 2.10 लाख शिक्षाकर्मियों को फायदा होगा।
मौजूदा नाम/ बदला हुआ नाम
शिक्षाकर्मी वर्ग-1 वरिष्ठ अध्यापक
वर्ग-2 अध्यापक
वर्ग-3 सहायक अध्यापक

(1 जनवरी 2004 के बाद से राज्य में सभी के लिए अंशदायी पेंशन योजना ही लागू है। इसमें 10 फीसदी नियोक्ता और इतना ही कर्मचारी को देना होता है।) दोनों फैसलों के लिए पंचायत, ट्राइबल, स्कूल शिक्षा और वित्त विभाग सहमत।शिक्षाकर्मी अब अपने दायित्वों को बखूबी निभाकर शैक्षणिक कार्य में क्वालिटी दिखाएं। अच्छे नतीजे लाएं व शिक्षा में गुणवत्ता झलके। स्कूलों में नियमित हाजिरी के अलावे पढ़ाई में पूरा दम लगाएं। निजी स्कूल की प्रतिस्पर्धा की बराबरी करें। केपिसिटी बिल्डिंग डेवलप करें। मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों की तर्ज पर वे अपने खर्च से बी-एड, डी-एड व बीटीआई जैसी परीक्षाएं पास करें।
दो मांगें पूरी हो रही हैं, तीसरी मांग व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक के बराबर वेतनमान देने और छठा वेतनमान पर विचार चल रहा है।शिक्षाकर्मियों की छठे वेतनमान या नियमित सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन की मांग फंड के फंडे पर अटक गई है। दरअसल सरकार इसे मानती है तो उसके खजाने पर सालाना 12-13 सौ करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। वर्तमान में वह वर्ग-1 को लगभग 10,000 रु., वर्ग -2 को 8500 और वर्ग 3 को 6500 रुपए वेतन दे रही है।