जल्द लागू होंगे हरियाणा स्कूल शिक्षा कानून
चंडीगढ़। हरियाणा में होनहार गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिले की सुविधा देते हुए उनसे वही फीस ली जाएगी, जो सरकारी स्कूलों में तय की गई है। राज्य में इनेलो सरकार ने वर्ष 2003 में हरियाणा स्कूल शिक्षा के जो नियम अधिसूचित किए थे, उनमें वर्ष 2007 और 2009 में कुछ संशोधन किए गए। इसके बावजूद नियम में शामिल गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला देने का प्रावधान आज तक लागू नहीं किया जा सका है।इस नियम की धारा 134 (ए) में प्रावधान है कि राज्य के मान्यता प्राप्त गैर सरकारी स्कूल मेरिटोरियस गरीब बच्चों को 25 फीसदी दाखिला देंगे। इन बच्चों से वही फीस ली जाएगी, जो सरकारी स्कूलों में वसूली जाती है। इसी बीच राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) भी लागू हुआ, जिसमें प्रावधान है कि प्राइवेट स्कूल गरीब बच्चों को 25 फीसदी दाखिला देंगे और उनका खर्च सरकार वहन करेगी। आरटीई पहली से आठवीं कक्षा तक लागू है। उसके लिए सरकार नेबरहुड स्कूल घोषित करेगी, तभी प्राइवेट स्कूल में दाखिला मिलेगा।हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न देने पर सतबीर हुड्डा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है।इधर, सेकेंडरी एजूकेशन के निदेशक विजयेंद्र कुमार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम की धारा 134 (ए) के प्रावधान को लागू कराया जाए और समय-समय पर इसका निरीक्षण भी किया जाए। इसमें आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग से संबंधित परिभाषा भी स्पष्ट कर दी गई है। उन्होंने डीईओ से कहा है कि बीपीएल परिवार इस वर्ग में माने जाएंगे।मेरिट भी तय कर दी है। बोर्ड या स्कूल की परीक्षा में 60 फीसदी या ज्यादा अंक वालों को मेरिटोरियस माना जाएगा। डीईओ से यह भी कहा गया है कि स्कूल मुखिया मेरिट के लिए 50 फीसदी अंक भी तय कर सकता है। आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों को 25 फीसदी दाखिला देने के लिए स्कूल मुखिया जिम्मेवार होंगे।