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मुर्गों की तरह न ढोएं मासूमों को

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूल वाहनों को लेकर पंजाब और हरियाणा को कड़ी फटकार लगाई है। बच्चों को स्कूल ले जाने और उनकी घर वापसी को लेकर सुरक्षा मापदंडों में बरती जा रही लापरवाही को शुक्रवार को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। कोर्ट ने यहां तक कहा कि बच्चों को मुर्गों की तरह न ढोया न जाए।जस्टिस राजीव भल्ला ने अगली सुनवाई में पंजाब, हरियाणा को इस संबंध में एफिडेविट सौंपने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, बच्चों को लेकर जा रहे ऑटो और रिक्शा के लिए भी विशेष मापदंड तय करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ ट्राईसिटी के स्कूल वाहनों के किराये पर भी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। गौरतलब है कि यातायात संबंधी मामलों की सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल संजय कौशल मौजूद रहे। पिछली सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ को भी तलब किया गया था। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी.
जस्टिस राजीव भल्ला की कोर्ट में चल रहे यातायात के मामलों में सोमवार को हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल और पंजाब के डीएजी ने जीएस चीमा ने एफिडेविट पेश किया।इस पर जस्टिस भल्ला ने दोनों ही राज्यों में स्कूली बच्चों के यातायात की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही कोताही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री (मुर्गों) की तरह बच्चे ढोए जा रहे हैं और कई हादसों के बाद भी सरकारें नहीं चेती। खासकर, दोनों राज्यों में ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा पर बच्चों को जिस तरह ले जाया जाता है, वह पूरी तरह अमानवीय है। उन्होंने दोनों राज्यों की पुलिस को भी निर्देश दिए कि इस संबंध में पुलिस कड़ी निगरानी बरते और ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसे, जो यातायात में असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों को निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण स्तर पर ही बच्चों की स्कूल की आवाजाही सुरक्षित बनाई जाए। उन्होंने सलाह दी कि इसके लिए रोडवेज के वाहनों को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की बच्चों की सुरक्षा हमारी सबकी जिम्मेवारी है और इस पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है।http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111001a_001121014&ileft=573&itop=551&zoomRatio=182&AN=20111001a_001121014