छात्रों के लिए 1200 रुपये का टैबलेट
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साढे़ पांच साल पहले 35 डॉलर में छात्रों के लिए सस्ते इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट बनाने का जो सपना देखा था, वह बुधवार को पूरा हो गया। इसके साथ ही भारत दुनिया का सबसे पहला देश बन गया है जिसने इतने सस्ते दाम में टैबलेट तैयार किया है।मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सूचना प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया। करीब 2250 रुपये के टैबलेट ‘आकाश’ को लांच करते हुए उन्होंने कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण केवल देश के बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के बच्चों के लिए भी उपलब्ध होगा। टेबलैट पर छात्रों को 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। यह उन्हें करीब 1200 रुपये में उपलब्ध होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि फिलहाल सरकार छात्रों के लिए ऐसे एक लाख टैबलेट खरीदेगी। टैबलेट को राजस्थान आईआईटी के छात्रों ने तैयार किया है और लंदन स्थित कंपनी डाटा विंड ने हैदराबाद में इसे बनाया है। इसमें चीन और जापान के भी उपकरण लगाए गए हैं।सिब्बल ने कहा, ‘डिजिटल साक्षरता की दिशा में ‘आकाश’ का निर्माण मील का पत्थर है। एक इतिहास का ऐसा क्षण है जिसे भविष्य में याद किया जाएगा। देश में हर छात्र को प्रोद्यौगिकी की पहुंच होगी। गरीब वर्ग के छात्र भी इतने सस्ते टैबलेट को खरीद पाएंगे।मैं इसके निर्माण से जुड़ी टीम के सदस्यों को सलाम करता हूं।’ उन्होंने कहा कि अभी यह कंपनी रोजाना 7 हजार टैबलेट का निर्माण कर रही है और हम एक लाख ही टैबलेट खरीद कर रहे है. पर 22 करोड़ छात्रों को इसकी जरूरत पडे़गी। उन्होंने इस टैबलेट में स्तरीय पठन-पाठन सामग्री भी उपलब्ध कराने का आह्वान किया ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके।http://epaper.amarujala.com/svww_index.php